नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई (Supreme Court Chief Justice B R Gavai) ने शीर्ष पद ग्रहण के बाद अपने गृह राज्य महाराष्ट्र की पहली यात्रा पर वहां के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक की अनुपस्थिति से संबंधित एक 'महत्वहीन मुद्दे' पर सभी लोगों से शांति बनाए रखने को कहा। एक प्रेस नोट में कहा गया है कि मुख्य न्यायाधीश चाहते हैं कि इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर नहीं बताया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति गवई सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर पहुंचने वाले पहले बौद्ध और दूसरे दलित हैं।
महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा रविवार, 18 मई को आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति गवई ने प्रोटोकॉल की कमी का हवाला देते हुए कहा था: 'मैं आमतौर पर प्रोटोकॉल में विश्वास नहीं करता। हालांकि, संविधान के प्रत्येक अंग को संविधान के दूसरे अंग को सम्मान देना चाहिए, जब मुख्य न्यायाधीश और इस राज्य का बेटा पहली बार महाराष्ट्र आता है। ऐसे में अगर राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त आदि इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहते हैं, तो यह उनके विवेक पर छोड़ देना सबसे अच्छा है।'
न्यायमूर्ति गवई ने 52वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में 14 मई को शपथ ली। वह 23 नवंबर, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। विपक्षी महा विकास अघाड़ी ने 19 मई को महायुति-एनडीए सरकार की आलोचना की और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से स्पष्टीकरण मांगा। शीर्ष अदालत के एक अधिकारी ने कहा, 'मुख्य न्यायाधीश की महाराष्ट्र यात्रा के दौरान प्रोटोकॉल मुद्दों के बारे में मीडिया में खबरें प्रकाशित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित लोगों ने पहले ही खेद व्यक्त कर दिया है।
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Wed, May 21 , 2025, 08:38 AM