जम्मू। जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) से राजनीतिक लाभ (Political mileage) लेने के कथित प्रयास को लेकर निशाना साधा और यह भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी का प्रतीक है। पुंछ, राजौरी, जम्मू, सांबा सीमाओं का दौरा करने के बाद सीमावर्ती जिलों में स्थिति की समीक्षा करते हुए यहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेकेपीसीसी प्रमुख तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि भाजपा नेताओं की मानसिकता मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह और मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के ‘अत्यधिक घृणित’ बयानों से झलकती है। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती जिलों के लोगों को भारी नुकसान हुआ है, जबकि पुंछ में जानमाल का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि कठुआ, सांबा, जम्मू, राजौरी और पुंछ से लेकर बारामूला, उरी, कुपवाड़ा तक नियंत्रण रेखा और सीमा पर लोगों को अपने घरों, पशुधन के नुकसान के अलावा जानमाल की हानि या चोटों का भी सामना करना पड़ा है।
पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रमन भल्ला, मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा, एआईसीसी सचिव नीरज कुंदन, मुख्यालय प्रभारी एवं पूर्व एमएलसी वेद महाजन और पूर्व विधायक ठाकुर बलबीर सिंह के साथ श्री कर्रा ने कहा , “पहले उपलब्ध अवसर पर हमने पाकिस्तान की गोलाबारी के पीड़ितों के दुख और दर्द को साझा करने के लिए पुंछ, राजौरी, जम्मू की सीमाओं, सांबा का व्यापक दौरा किया। पुंछ सबसे खराब लक्ष्य रहा है, जहां हमने मंदिरों, गुरुद्वारों और मस्जिदों का दौरा किया, जहां गोलाबारी से नुकसान हुआ है। हमने दुख और सदमे में हर परिवार से संपर्क करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इस बार पाकिस्तान ने नागरिक आबादी को निशाना बनाया है जो बेहद निंदनीय है और पाकिस्तान के अमानवीय चेहरे को दर्शाता है।
पार्टी ने पहलगाम में मारे गए लोगों और पाकिस्तानी गोलाबारी में मारे गए नागरिकों सहित राष्ट्र की खातिर मारे गए सभी लोगों के लिए शहीद का दर्जा मांगा है। भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार ने देश में अग्निवीरों को भी शहीद का दर्जा देने से इनकार कर दिया। देश के लिए जान देने वालों को शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए। पार्टी प्रदेश के अधिकारी डॉ. आरके थापा को वीरता पुरस्कार देने की मांग सरकार के समक्ष उठाएगी।
श्री कर्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री को सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए व्यापक विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए, जिसमें बड़े पैमाने पर बंकर, सामुदायिक बंकर, घनी आबादी वाले टाउनशिप सहित सभी क्षेत्रों में नए दौर में निशाने पर हैं। मौजूदा बंकरों, सुविधाओं, बुनियादी ढांचे आदि का ऑडिट किया जाना चाहिए ताकि उन्हें अपग्रेड किया जा सके, क्योंकि उनमें से कुछ रहने लायक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील (संप्रग) सरकार ने छंब के सीमावर्ती लोगों को पांच मरला के प्लॉट सहित 60 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापक पैकेज दिया है। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा (एलओसी)/सीमा निवासियों के लिए भी इसी तरह की परियोजनाएं बनाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह देखा गया है कि बंकरों को पिक एंड यूज आधार पर स्थापित किया जाता है, क्योंकि जीरो लाइन में कुछ क्षेत्रों में बंकर नहीं होते और गोलाबारी के दौरान लोगों के लिए आश्रय नहीं होता। प्रभावित लोगों को तुरंत मुआवजा देने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और रहने लायक नहीं हैं, उन्हें तुरंत अंतरिम राहत प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग विंग टीमों द्वारा जल्द से जल्द पूरा मुआवजा निर्धारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष केंद्रीय पैकेज में सीमावर्ती क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास और विशेष भर्ती अभियान शामिल होना चाहिए। इसके अलावा, शिविरों में लोगों ने घुसपैठ/सीमा पार से लड़ने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में आत्मरक्षा के लिए हथियारों की मांग की है। पहलगाम नरसंहार को मानवता के विरुद्ध अपराध और अत्यंत बर्बरतापूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि अच्छी बात यह है कि नरसंहार के तुरंत बाद लोगों ने मानवता और हिंदू-मुस्लिम एकता की भावना प्रदर्शित की।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में लोग आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हुए हैं और सरकार तथा सेना को उचित जवाब देने के लिए आवश्यक कठोर कार्रवाई करने में पूरा समर्थन दिया है। उन्होंने कहा, “ हमारे नेता मलिक्कार्जुन खड़गे और श्री राहुल गांधी तथा पूरा विपक्ष पहलगाम की घटना पर सवाल पूछे बिना पूरी तरह से सरकार के साथ खड़ा था, लेकिन अब सवाल उठ रहे हैं, जिसके लिए कांग्रेस ने 140 करोड़ देशवासियों को पूरे घटनाक्रम के बारे में विश्वास में लेने के लिए सर्वदलीय बैठक तथा विशेष संसद सत्र की मांग की है। तीसरे देश (अमेरिका) द्वारा युद्ध विराम की घोषणा कैसे की गई तथा परिस्थितियां क्या थीं, क्योंकि यह कश्मीर पर राष्ट्र की घोषित नीति तथा रुख के विरुद्ध है, खासकर 1971 के युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किए गए 'शिमला समझौते' के बाद। पुंछ में एक धार्मिक शिक्षक की हत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने भाजपा के एक पूर्व विधायक की सराहना की, जिन्हें घायलों को स्थानांतरित करने के लिए सबसे पहले बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने खेद व्यक्त किया कि मीडिया के एक वर्ग ने बिना पुष्टि किए उन्हें आतंकवादी करार दिया तथा उन्हें शहीद को आतंकवादी करार देने में शर्म आनी चाहिए। जेकेपीसीसी प्रमुख ने सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम करने के लिए 20 मई को सुबह 10.30 बजे शहीदी चौक जम्मू से इंदिरा चौक तक पार्टी द्वारा ‘जय हिंद सभा’ और उसके बाद ‘जय हिंद यात्रा’ निकालने की घोषणा की।
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Sun, May 18 , 2025, 09:53 PM