नंगल। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Bhagwant Singh Mann )ने रविवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के माध्यम से राज्य के पानी को छीनकर राज्य के साथ सौतेली माँ जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे किसी भी प्रयास को विफल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज नंगल में बीबीएमबी द्वारा पानी छोड़ने के खिलाफ हुए प्रदर्शन में पहुँचे। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि एक तरफ पंजाब अंतरराष्ट्रीय सीमाओं (international borders) पर दुश्मन का बहादुरी से सामना कर रहा है और दूसरी तरफ केंद्र की भाजपा सरकार राज्य को उसके पानी से वंचित करने के लिए घटिया खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब पूरी तरह चौकस है क्योंकि पंजाब पुलिस और राज्य के निवासी पाकिस्तान के साथ लगती 532 किलोमीटर की सीमा की रक्षा के लिए सेना की मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गंभीर संकट के मौके पर ऐसी हरकतों से बचना चाहिए।
श्री मान ने इस मुद्दे पर किसान यूनियनों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए और कहा कि किसान संगठनों ने इस संबंध में एक भी बयान जारी नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसान संगठन सिर्फ बेतुके मसलों पर सड़क और रेलें जाम करके अपनी 'दुकानें' चला रहे हैं लेकिन राज्य से संबंधित इस महत्वपूर्ण और गंभीर मुद्दे पर पूरी तरह चुप हैं। श्री मान ने तंज कसते हुए कहा कि असल में किसान नेता इस कारण नंगल नहीं पहुँचे क्योंकि यहाँ वातानुकूलित ट्रॉलियाँ नहीं हैं और उन्हें धूप में विरोध प्रदर्शन करना पड़ता जो अब उनके बस की बात नहीं रही।
उन्होंने भाजपा और बीबीएमबी को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके द्वारा की गई ऐसी कोई भी कोशिश राज्य में अमन-कानून की बड़ी समस्या पैदा कर सकती है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस बड़े नुकसान के लिए दोनों पक्ष जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा राज्य से पानी छोड़ने का कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन भाजपा गैर-कानूनी ढंग से पंजाब से पानी छीनने की कोशिश कर रही है।
श्री मान ने कहा कि राजस्थान सरकार ने पंजाब के कोटे से और पानी माँगा था क्योंकि राजस्थान सीमा पर तैनात सेना को अतिरिक्त पानी की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि जब भी राष्ट्रीय हितों की बात आती है तो पंजाब कभी भी पीछे नहीं हटता, इसी कारण देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए पानी छोड़ा गया है।
श्री मान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि अब कोई बीबीएमबी अधिकारी यहाँ आकर पानी छोड़ने की कोशिश करते हैं तो वे अपनी सुरक्षा के खुद जिम्मेदार होंगे क्योंकि पंजाब के लोग उनके विरुद्ध हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सारी शरारत केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के इशारे पर हो रही है जो हरियाणा से हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने दोहराया कि बीबीएमबी का पुनर्गठन किया जाना चाहिए क्योंकि यह मौजूदा रूप में पूरी तरह बेकार और अस्वीकार्य है और कहा कि यह बहुत ही दुख की बात है कि दूसरे राज्यों के कर्मचारियों को राज्य के खजाने से वेतन दिया जा रहा है और यह कर्मचारी सिर्फ पंजाब के हितों को नुकसान पहुँचाते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पिछले कुछ सालों में बीबीएमबी को दी गई निधि का लेखा-जोखा भी करवाएगी क्योंकि अधिकारियों ने करदाताओं की इस मेहनत की कमाई को निजी हितों के लिए इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा बीबीएमबी पंजाब के विरुद्ध कानूनी लड़ाइयाँ लड़ने के लिए राज्य के ही पैसे का उपयोग करता है, जो कि बहुत ही निंदनीय है।
श्री मान ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार बार-बार राज्य का पानी हरियाणा को देने की कोशिशें कर रही है। उन्होंने कहा कि वे पंजाबियों के साथ मिलकर नंगल में बैठेंगे और भाजपा के राज्य में से पानी छोड़ने की किसी भी चाल को पूरी चौकसी के साथ नाकाम करेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य के पास किसी अन्य राज्य के साथ साझा करने के लिए कोई अतिरिक्त पानी नहीं है और साथ ही कहा कि किसी को पानी की एक बूँद भी नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य के ज्यादातर ब्लॉक खतरे की कगार पर हैं और राज्य में भूजल की स्थिति बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि राज्य के ज्यादातर नदी स्रोत सूख गए हैं, इसलिए इसे अपनी सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के लिए और पानी की जरूरत है।
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