Hafiz Saeed : हाफिज सईद हर गुरुवार को क्या काम करता है? पूर्व छात्र ने किया खुलासा

Sat, May 10 , 2025, 02:11 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

भारत के ऑपरेशन सिंदूर (Indias Operation Sindoor) के तहत पाकिस्तान स्थित नौ आतंकी शिविरों पर हमला किया गया। इसमें लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का मुख्यालय मुरीदके भी शामिल है, जिसका नेता हाफिज सईद है। वही सईद, जो भारत में कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। अब उनके ही एक पूर्व शिष्य ने उनके खतरनाक नेटवर्क का पर्दाफाश करना शुरू कर दिया है।

नूर दहरी ने हाफिज सईद के बारे में खुलासे किए हैं। वह कभी सेना का हिस्सा थे लेकिन अब आतंकवाद (Terrorism) की दुनिया छोड़ चुके हैं। नूर वर्तमान में ब्रिटेन के थिंक टैंक इस्लामिक थियोलॉजी ऑफ काउंटर-टेररिज्म की निदेशक हैं। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्होंने हाफिज सईद और सेना से जुड़े कई सनसनीखेज दावे किए हैं।

नूर को हाफिज सईद के मुख्यालय की सुरक्षा में तैनात किया गया था

नूर ने बताया कि सेना में रहते हुए उन्हें हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के मुरीदके स्थित स्थायी आवास की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। यह वह स्थान था, जो लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय था और भारत के ऑपरेशन सिंदूर का लक्ष्य था। नूर के अनुसार, सईद नीले रंग की टोयोटा विगो पिकअप (डैटसन) में यात्रा करता था, जिसे विशेष रूप से उसकी सुविधा के लिए तैयार किया गया था।

हर गुरुवार को 500 युवाओं को भेजा जाता था

नूर दहरी का सबसे चौंकाने वाला दावा यह है कि हर गुरुवार को पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों से लगभग 500 युवाओं को अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में 'मस्कर तैय्यबा' प्रशिक्षण शिविर में भेजा जाता था। ये सभी युवा हाफिज सईद के भड़काऊ भाषणों से प्रेरित होकर लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गए। नूर ने बताया कि इनमें से अधिकतर बच्चे कभी वापस नहीं लौटे।

अफगानिस्तान और कश्मीर के अनुभवों ने नूर को भीतर से तोड़ दिया। जब उन्होंने संगठन छोड़ने की इच्छा व्यक्त की तो सेना कमांडरों ने उन्हें कायर कहा। लेकिन नूर कहती हैं, मैं कायर नहीं थी, मैं तो बस सच्चाई से जाग गई थी।

दस लाख आतंकवादियों का नेटवर्क और राख के लिए संघर्ष

नूर के अनुसार, आज लश्कर-ए-तैयबा में लगभग 10 लाख प्रशिक्षित आतंकवादी हैं और यह संगठन अब पाकिस्तान में एक राजनीतिक ताकत के रूप में काम करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि हाफिज सईद ने खूनी युद्ध में हजारों पाकिस्तानी नागरिकों की बलि दे दी ताकि राज्य अपने राजनीतिक लक्ष्य हासिल कर सके। पोस्ट के अंत में नूर ने लिखा, "मुझे खुशी है कि मैं आज वहां नहीं हूं, जहां हाफिज सईद चाहता था कि मैं उससे मिलूं।" अल्लाह ने मुझे इन इस्लामी कट्टरपंथियों का असली चेहरा दुनिया के सामने लाने के लिए चुना है।

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