Demand to Make Fisheries Agriculture: मत्स्य पालन को मिले कृषि का दर्जा ! कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला, अब बीमा के साथ मिलेगा मुआवजा

Tue, Apr 22 , 2025, 02:21 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Big decision in cabinet meeting: आज कैबिनेट बैठक (cabinet meeting) में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। मत्स्य पालन (Fisheries) को अब कृषि का दर्जा दिया जाएगा। मछली पकड़ने के उद्योग (fishing industry) से जुड़े लोगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है। कृषि की तरह अब मछली पालन व्यवसाय को भी मुआवजा मिलेगा। इसे मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे (Fisheries Minister Nitesh Rane) के विभाग का बड़ा फैसला माना जा रहा है।

इस बीच, मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिए जाने से मत्स्य उद्योग को भी कृषि की तरह बीमा(insurance), मुआवजा (compensation) और अन्य योजनाओं (other schemes) का लाभ मिलेगा। कोंकण तट के मछुआरों को बड़ी राहत मिलेगी। ऐसे संकेत मिले हैं कि राज्य में मत्स्य पालन को कृषि व्यवसाय का दर्जा दिया जाएगा। इस संबंध में प्रस्ताव अंतिम अनुमोदन के लिए वित्त विभाग को भेजा गया। बताया गया कि यह प्रस्ताव जल्द ही अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद आज अंततः मछली पालन को कृषि का दर्जा दे दिया गया है। राज्य सरकार के इस निर्णय से अब मछुआरों को भी राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं एवं अन्य लाभ मिल सकेंगे।

मंत्री नितेश राणे ने उच्च गुणवत्ता वाले मछली बीज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए
कल, मंत्री नितेश राणे ने नागपुर जिले में मत्स्य पालन गतिविधियों के संबंध में मंत्रालय में एक समीक्षा बैठक की। नागपुर जिले में झीलों से गाद निकालने और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जानी चाहिए। स्थानीय मछुआरों को उत्पादन बढ़ाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले मत्स्य बीज उपलब्ध कराने तथा मानसून से पहले झीलों से गाद हटाने के लिए तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। पर्यटन उद्देश्यों के लिए राष्ट्रीय स्तर का मछलीघर स्थापित करने के लिए गोरेवाड़ा प्राणी उद्यान के आसपास की भूमि की पहचान की जानी चाहिए और इस संबंध में एक प्रस्ताव तुरंत प्रस्तुत किया जाना चाहिए। 

राणे ने विदर्भ में मीठे पानी में मत्स्य पालन बढ़ाने, मछुआरों को बाजार उपलब्ध कराने, मत्स्य प्रशिक्षण और कौशल विकास केंद्र, मछली बीज उत्पादन केंद्र और मछली बीज पालन केंद्र स्थापित करने के काम में तेजी लाने के भी निर्देश दिए थे। इस बीच, हालिया बजट सत्र में भी यह मुद्दा उठाया गया। उस समय मत्स्य विकास मंत्री नितेश राणे ने इस संबंध में वादा किया था। उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए वित्त मंत्री अजीत पवार को भेज दिया गया है। अंततः, आड़ मत्स्य पालन को कृषि उद्योग का दर्जा मिलने से मछुआरों को राहत मिली है।

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