भरतपुर: राजस्थान में भरतपुर के विश्वविख्यात केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (घना) में लंबे अंतराल के बाद दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजाति का पक्षी लेसर एडजुटेंट स्टॉर्क (Lesser Adjutant Stork) देखा गया है। उद्यान निदेशक मानस सिंह ने शुक्रवार को बताया कि यह पक्षी पिछली बार घना में करीब पांच वर्ष पूर्व देखा गया था।
उन्होंने इसे पक्षी विशेषज्ञों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए बेहद उत्साहजनक घटना बताते हुए कहा कि लेसर एडजुटेंट स्टॉर्क आम तौर पर अकेले या छोटे समूहों में देखे जाते हैं। ये झुंड में नहीं रहते और आमतौर पर एक ही स्थान पर 20 से अधिक घोंसले नहीं बनाते। यह पक्षी मुख्य रूप से छिछले जल स्रोतों जैसे आर्द्रभूमि, दलदल, धान के खेत और तालाबों के आसपास पाया जाता है। इसके आहार में मछलियां, मेंढक, छोटे सरीसृप और मृत जीव शामिल हैं।
सिंह ने बताया कि यह प्रजाति आंशिक रूप से प्रवासी है और प्रजनन या भोजन की तलाश में सीमित अवधि के लिए स्थान बदलता है। भरतपुर का केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान प्रवास के दौरान इनका अस्थायी ठिकाना बनता है। इस बार यह दुर्लभ पक्षी करीब पांच साल बाद यहां देखा गया है जो बताता है कि यह क्षेत्र अब भी इनके लिए सुरक्षित और उपयुक्त है।
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Sat, Apr 19 , 2025, 07:44 AM