जालंधर। बिजली चोरी (Power theft) करने वाले उपभोक्ताओं पर सरकार की राज्यव्यापी कार्रवाई के बावजूद, पंजाब राज्य विद्युत निगम लिमिटेड (PSPCL) के सीमावर्ती क्षेत्र और पश्चिमी क्षेत्र में कम से कम दो हजार करोड़ रुपये की बिजली चोरी जारी है। प्रवक्ता वी के गुप्ता ने गुरुवार को बताया कि आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, सीमावर्ती और पश्चिमी क्षेत्रों में 77 प्रतिशत फीडर घाटे में हैं, जिससे पिछले वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों में पीएसपीसीएल को 1442 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सीमावर्ती और पश्चिमी क्षेत्र में पीएसपीसीएल के कुल 2099 फीडरों में से 77 प्रतिशत (1616) फीडर हैं, जहां लाइन घाटा 15 से 90 प्रतिशत के बीच है। 1442 करोड़ रुपये का घाटा यह मानते हुए निकाला गया है कि सामान्य घाटा 12.3 प्रतिशत तक सीमित है। सबसे कम बिजली चोरी वाला जोन सेंट्रल जोन है, जहां केवल 11 फीडरों ने 15 से 25 प्रतिशत के बीच नुकसान की सूचना दी है।
श्री गुप्ता ने कहा कि पीएसपीसीएल में, बॉर्डर जोन एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां 80 से 90 प्रतिशत के बीच नुकसान वाले फीडरों की कुल संख्या 19 है। सभी फीडर तरनतारन सर्कल के पट्टी और भिखीविंड डिवीजनों में हैं। किसी अन्य जोन में ऐसा संदिग्ध अंतर नहीं है। 70 से 80 प्रतिशत के बीच नुकसान वाले 68 फीडर हैं, जिनमें बॉर्डर जोन में 44 और वेस्ट जोन में 24 शामिल हैं। इस श्रेणी में कुख्यात डिवीजन सब-अर्बन सर्कल में अजनाला, वेस्ट, तरनतारन सर्कल में पट्टी भिखीविंड, भटिंडा सर्कल में भगता, फिरोजपुर सर्कल में जीरा हैं। 60 से 70 प्रतिशत की सीमा में नुकसान वाले 79 फीडर भी बॉर्डर जोन में हैं, कुल 124 फीडरों में से 40 फीडर वेस्ट जोन के हैं। पीएसपीसीएल में 50 प्रतिशत से 60 प्रतिशत घाटे वाले फीडरों की कुल संख्या 204 है। इनमें पश्चिम क्षेत्र में 112, सीमा क्षेत्र में 53 और दक्षिण क्षेत्र में 39 फीडर शामिल हैं। पीएसपीसीएल में 44 डिवीजन हैं, जहां घाटा 25 से 50 प्रतिशत के बीच है। इनमें पश्चिम क्षेत्र में 18, सीमा क्षेत्र में 15 और दक्षिण क्षेत्र में 11 हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य विद्युत विनियामक आयोग (PSERC) ने 2025-26 के लिए अपने टैरिफ ऑर्डर में पाया है कि फीडर-वार घाटा बहुत ही भयावह तस्वीर पेश करता है। ऐसी ही स्थिति साल-दर-साल दोहराई जा रही है। पीएसपीसीएल को घाटे को कम करने के लिए ऐसे उच्च घाटा वाले फीडरों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कठोर कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि उपभोक्ताओं पर बोझ कम हो सके।
पीएसपीसीएल का कहना है कि घाटे का मुख्य कारण सीमा, पश्चिम और दक्षिण क्षेत्रों में बिजली की चोरी है। पीएसपीसीएल को ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से इन क्षेत्रों में बिजली चोरी और उससे होने वाले घाटे की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। चोरी के मामले रद्द न होने तक पीएसपीसीएल कर्मचारियों को जनता द्वारा घेराव और मारपीट की जाती है।
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Thu, Apr 17 , 2025, 08:31 PM