नयी दिल्ली। भूकंप से तबाह म्यांमार (Earthquake-ravaged Myanmar) में भारतीय सेना के इतिहास का सबसे तेज राहत और बचाव अभियान (relief and rescue operation) चलाया गया जिसमें 650 टन से अधिक राहत सामग्री (relief material) भेजी गयी और सेना द्वारा स्थापित अस्थायी अस्पताल में 65 सर्जरी के साथ साथ ढाई हजार से अधिक मरीजों का उपचार किया गया।
भारत ने म्यांमार में राहत और बचाव अभियान के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा (Operation Brahma) शुरू किया था और इस सफल ऑपरेशन के बाद भारतीय सेना का दल मंगलवार देर शाम स्वदेश लौट आया। स्वदेश वापसी के बाद सेना की 50 पैराशूट ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर नवीन कुमान ने वायु सेना स्टेशन हिन्डन पर मीडिया को बताया कि यह सेना के इतिहास का अब तक का सबसे तेज राहत और बचाव अभियान था।
उन्होंने कहा , “ सेना ने म्यांमार भूकंप के कारण मची तबाही के बाद राहत और बचाव अभियान के लिए चलाये गये ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत सर्जरी की सुविधा से लैस ऑपरेशन थियेटर के साथ 200 बिस्तर का फील्ड अस्पताल स्थापित किया था। अस्पताल में जीवन रक्षक सर्जरी के अलावा ट्रामा सेंटर और ओपीडी में मरीजों की देखभाल की गयी। अस्पताल में ढाई हजार से भी अधिक मरीजों का उपचार किया गया और 65 सर्जरी की गयी। यह भारतीय सेना के इतिहास का सबसे तेज गति से किया गया राहत और बचाव अभियान है। यह संकट की घड़ी में भारत का पड़ोसी देशों के प्रति एकजुट रहने और सबसे पहले मदद करने के उदाहरण का प्रतीक है।
उन्होंने बताया कि सेना ने इस ऑपरेशन के तहत म्यांमार में करीब सवा सौ सदस्यों का दल भेजा था। अस्पताल में प्रयोगशाला , एक्स रे सुविधा और जीवन रक्षक दवाई का स्टॉक रखा गया था। उन्होंने कहा कि भारत ने म्यांमार में 650 टन से अधिक राहत सामग्री भेजी है। उन्होंने बताया कि भारतीय दल म्यांमार में जरूरत को देखते हुए और दवाईयां भी छोड़ी हैं।
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Wed, Apr 16 , 2025, 03:57 PM