नयी दिल्ली . विपक्ष ने आज आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार किसानों की जमीन हड़पने का काम कर रही है, डीजल, जीएसटी (diesel, GST) आदि के माध्यम से टैक्स वसूलने में लगी है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गांरटी देने से बच रही है जिससे देश के किसान की हालत बहुत खराब है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि कभी किसानों की फसल आलू का किसान कर्ज डूबा है और चिप्स के कारोबारी मुनाफा कमा रहा हैधान के किसान, गेहूं, मक्के के किसान परेशान है और पॉप कॉर्न वाले मुनाफे में हैं भाजपा के लोग किसानों की उपज एवं जमीनों पर निगाहें हैं। प्राइवेट बैंकों के साथ सांठगांठ ना केवल उनकी मांग का समर्थन करता हूं स्वामीनाथन रिपोर्ट के फॉर्मूले के हिसाब से लागू किया गया।
श्रद्धेय नेताजी के संस्कार प्रधानमंत्री की गारंटी किसानों के लिए कहां चली गयी। गन्ना किसानों का सवाल है, सबसे बड़ा उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश है। अखिलेश यादव सरकार ने 90 रुपए समर्थन मूल्य आठ साल में केवल 30 रुपए बढ़ाया।15 दिन में भुगतान करेेंगे नहीं तो ब्याज देंगे। सालों साल तक मूल ही नहीं मिलासबसे ज्यादा दिककत है छुट्टा जानवरों कीसर्दी गर्मी बरसात 12 माह किसानों के परिवार खेतों में पड़े हैं।एक बार स्थायी कृषि बजट कम कर दिया, कृषि अनुसंधान पर आवंटन कम कर दिया, सिंचाई का इंतजाम नहीं है, मंडी में समस्या है।किसान बहुत परेशान है। भाजपा को लगता है कि किसानों की स्थिति बहुत अच्छी है। जीएसटी, अंतरराज्यीय सीमाओं पर रोक देते हैं। हर हाल में किसानों को गुमराह करते हैं कि किसानों का कर्ज माफ कर देंगे तो खजाने पर बोझ आएगा।लागत का डेढ़ गुना मूल्य कर दो किसान कभी कुछ नहीं कहेंगे।
कांग्रेस के जयप्रकाश ने कहा कि संविधान सभा में किसानों के मुद्दों को उठाया गया है। पंडित नेहरू ने कहा था कि किसानों को उनकी लागत से अधिक मूल्य देना होगा। दस साल में एक हजार की वृद्धि हुई है। डीएपी की वृद्धि 1600 रुपए, यूरिया 265, कीटनाशक दवाएं 200 से 850, किसान के उपयोग की चीज़ों के दाम बढ़ रहे हैं। कृषि मंत्री हरियाणा पंजाब में कितने दाम पर बिका, इसकी जांच करायें। संप्रग की सरकार में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की क्रियान्वयन की मांग को लेकर भाजपा ने आंदोलन किया और 2014 के बाद चुप्पी साध ली।
श्री जयप्रकाश भाजपा ने 17 लाख करोड़ रुपये का ऋण माफ किया लेकिन किसान का ऋण माफ नहीं किया। उन्होंने कृषि विपणन का परिपत्र लागू किया गया तो किसानों को बहुत नुकसान होगा। 2004 में डीजल में दाम एक ड्रम पर 7000 रुपए बढ़ गये और किसान सम्मान निधि में छह हजार दे रहे हैं। सरकार ने दो लाख 30 हजार करोड़ रुपए डीजल पर टैक्स बढ़ा कर कमाये। यदि दो लाख करोड़ रुपए से कम का किसान का कर्ज माफ कर देते तो क्या जाता।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान निधि योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है। एफसीआई को ठेका देने, मंडियाें को बंद करने का काम किया जा रहा है। इसकी निंदा करते हैं। भाजपा ने चंद धन्ना सेठों का भला किया लेकिन किसानों का नहीं। सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून बदल कर किसानों की जमीन हड़पने का काम किया है। किसान को अगर बचाना है तो न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गांरटी दो।
भाजपा के दुष्यंत सिंह ने कहा कि किसानों के उत्पादों को खराब होने से बचाने के लिए राजस्थान के झालावाड़ क्षेत्र में कोल्ड स्टोरेज का नेटवर्क बनाया। फसल बीमा योजना में तहसील को इकाई माना जाता था लेकिन मोदी सरकार ने पंचायत को इकाई बनाया है। 95 हजार करोड़ रुपए की राशि फसल बीमा योजना के दावों के विरुद्ध की गयी है। किसानों को तीन किश्तों में सम्मान निधि मिल रही है। कांग्रेस के समय एक रुपए केन्द्र से निकलता था और 15 पैसे लाभार्थी को मिलता था और आज पूरा रुपया एक सेकेंड में मिल रहा है।
तृणमूल कांग्रेस की शताब्दी राय ने पश्चिम बंगाल सरकार की योजनाओं के बारे में बताया और कहा कि केन्द्र सरकार को भी उन योजनाओं को लागू करना चाहिए।
चर्चा में द्रविड़ मुनेत्र के टी एन सेल्वागणपति ने भी प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि देश के 18 करोड़ किसान कर्ज के बोझ से दबे हैं। उनके कर्ज को माफ किया जाना चाहिए। तेलुगु देशम पार्टी के डी प्रसाद राव ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के नियंत्रणाधीन. अनुदानों की मांगों पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि केंद्रीय बजट में पिछले वर्ष की तुलना में किसानों के लिए अधिक राशि का आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों को अधिक वित्तीय सहायता देने की आवश्यकता है। इस सरकार की बड़ी बात है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखा गया है। उन्होंने कहा कि किसानों किसान ऋण से मुक्त नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि छोटे किसान महाजनों पर निर्भर रहते हैं।
जनता दल यूनाइटेड के सुनील कुमार ने कहा कि सभी जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि धन धान्य योजना का प्रावधान किया गया है जिससे किसानों का लाभ मिलेगा। बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना से बिहार के लोगों में खुशी है। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण बढ़ाने का जो प्रावधान किया है, वह सराहनीय कदम है। ऋण की प्रक्रिया आसान बनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि फसल उत्पादन में भारी लागत को देखते हुए समय समय पर गन्ना और धान और गेहूं के एमएसपी को बढाया जाए। भू जोत छोटे होने के कारण किसानों के लागत बढ़ जाती है इसलिए चकबंदी की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा,“ हमारे संसदीय क्षेत्र में चीनी मिलों के एकाधिकार से लोग परेशान ताकि किसानों को निजी मिल मालिकों के शोषण से बचाया जा सके।” शिव सेना (उद्धव गुट) के संजय जाधव ने कहा कि सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने की बात की गई है थी लेकिन आज तक उनकी आमदनी नहीं बढी। उन्होंने फसल बीमा योजना में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार से इसमें कार्रवाई करने की मांग की है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) अमोल कोल्हे ने कहा कि जहां देश की दो तिहाई आबादी खेती पर निर्भर है वहीं खेती के लिए बजट में आवंटन है मात्र 3.1 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 23 प्रतिशत की कटौती है। इससे कैसे होगी किसान की आय दोगुनी। उन्होंने कहा प्याज को जब एमएसपी देने की बात की जाती है तो सरकार कहती है प्याज जीवन आवश्यक वस्तु नहीं है लेकिन जैसे ही किसान को फायदा होने का समय आता है सरकार निर्यात पर शुल्क बढा देती है और प्याज को जीव आवश्यक वस्तु बता देती है। सरकार से हमेशा से निर्यात पाबंदी हटाकर एमएसपी के दायरे में लाकर तीन हजार रुपये प्रति क्यूंटल किया जाए।
लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के राजेश वर्मा ने कहा,“जहां पहले किसान अपनी समस्या के लिए विचलित रहता था अब हमारी एनडीए की सरकार में किसानों को जो रकम भेजी जाती है वह शत प्रतिशत उन्हें मिलता है।” उन्होंने कहा कि अपनी लोकसभा क्षेत्र खगड़िया में अस्सी फीसदी आबादी किसानी पर निर्भर है इसलिए उसे भी प्रधानमंत्री धन धान्य योजना में शामिल किया जाए। पहले की सरकार में किसानो को सूदखोरों से पैसा लेना पड़ता था लेकिन अब किसानों को तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये ऋण देने का प्रावधान किया गया है। अब किसानों को किसी से सूद पर पैसा लेने की जरूरत नहीं है।
आयुष राज्यमंत्री मंत्री प्रतापराव गणपत राव जाधव ने चर्चा में कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों को आगे ले जाने वाले और उनका सम्मान बढ़ाने वाले बजट पेश किया जो सराहनीय कदम है। किसानों के बारे विपक्ष के लोग किसानों के बारे में बेबुनियाद बातें कर रहे हैं, इससे किसानों का मनोबल कमजोर होगा। उन्होंने कहा,“ अगर आने वाली पीढियों ने खेती करना छोड़ दिया तो हम किया खायेंगे। वर्ष 2012-13 में सोयाबीन की एमएसपी थी दो हजार प्रति क्विंटल थी वहीं आज चार हजार आठ सौ 92 रुपये प्रति क्विंटल है। इसी तरह तुअर के एमएसपी में 151 प्रतिशत की वृद्ध हुई है। पिछले ढाई साल में महाराष्ट्र में किसान सम्मान निधि छह हजार रुपये केंद्र सरकार से मिलती थी उसमें राज्य सरकार नमो शेतकरी सम्मान योजना के तहत छह हजार जोड़कर किसानों को सम्मान देने का काम किया है।”
उन्होंने कहा कि जो काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किये उसकी भरपाई किसानों ने तीन चुनाव जिताकर किये। महाराष्ट्र की सरकार किसानों के हितों में कई काम किये हैं। कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि किसान सम्मान निधि छह हजार से बढ़ाकर बारह हजार किया जाना चाहिए। किसानों को एमएसपी पर प्रति क्विंटल एक सौ रुपया अलग से दिया जाए ताकि वह पराली को जलाने के बजाय उसे खेतों से उठाकर ले जाए।
उन्होंने कहा कि किसानों से वादा करके आंदोलन को खत्म किया था लेकिन वादा पूरा नहीं किया गया। किसानों ने दोबार आंदोलन शुरु किया तब हरियाण की सीमा को सरकार ने बंद कर दिया और किसानों को रास्ता रोकने के लिए बदनाम किया जा रहा है। किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। सरकार विश्वास से चलती है और लोगों का सरकार पर विश्वास ही नहीं रहेगा तब कैसे चलेगा। सरकार ने किसानों से बातचीत की और रात के अंधेरे में किसानों को वहां से हटा दिया। भाजपा किसानों का बर्बाद करना चाहती है।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Fri, Mar 21 , 2025, 04:30 PM