Santosh Deshmukh murder case: संतोष देशमुख हत्या मामले और कृषि विभाग (Agriculture Department) में कथित घोटाले (alleged scam) के आरोपों के कारण पिछले कुछ दिनों से विवादों के केंद्र में रहे राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे (Dhananjay Munde) ने आज (4 मार्च) अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। धनंजय मुंडे के सहयोगी प्रशांत भामरे और प्रशांत जोशी ने सागर बंगला जाकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि धनंजय मुंडे को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है। मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि धनंजय मुंडे बजट सत्र (budget session) के लिए सदन में मौजूद रहेंगे या नहीं।
मुख्यमंत्री ने धनंजय मुंडे का इस्तीफा स्वीकार किया; आगे क्या?
मुख्यमंत्री ने धनंजय मुंडे का मंत्री पद से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इसलिए इस बात की चर्चा जोरों पर है कि धनंजय मुंडे का आगे क्या होगा? साथ ही यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या धनंजय मुंडे विधायक चुने जाएंगे। हालाँकि, धनंजय मुंडे का प्रभाव फिलहाल खत्म नहीं होगा। 'माझा' को विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि संतोष देशमुख हत्या मामले में धनंजय मुंडे को फिलहाल सह-आरोपी नहीं बनाया जाएगा। आरोपपत्र में उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है। इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उनके इस्तीफे के बाद अब सबकी नजर धनंजय मुंडे के संबंध में उठाए जाने वाले अगले कदमों पर रहेगी। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा था कि धनंजय मुंडे के मंत्री रहते संतोष देशमुख हत्या मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होगी।
मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद धनंजय मुंडे की पहली प्रतिक्रिया, क्या कहा?
मृतक बीड जिले के मासाजोग का रहने वाला था। पहले दिन से ही मेरी यह दृढ़ मांग रही है कि संतोष देशमुख की नृशंस हत्या के आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। कल जो तस्वीरें सामने आईं, उन्हें देखकर मुझे बहुत दुख हुआ। इस मामले की जांच पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया गया है। न्यायिक जांच का भी प्रस्ताव है। मेरी सद्बुद्धि को ध्यान में रखते हुए तथा चूंकि पिछले कुछ दिनों से मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए डॉक्टर ने मुझे अगले कुछ दिनों तक उपचार कराने की सलाह दी है। धनंजय देशमुख ने एक्स न्यूज चैनल पर पोस्ट करते हुए कहा, "इसलिए, मैंने चिकित्सा कारणों से मंत्रिमंडल से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री को सौंप दिया है।"
मुंडे की अनुपस्थिति में बीड जिले के प्रशासन की जिम्मेदारी वाल्मीक कराड पर
वाल्मीक कराड (Valmik Karad) को बीड जिले में धनंजय मुंडे का दाहिना हाथ माना जाता था। ऐसा कहा जाता है कि वाल्मीक कराड, धनंजय मुंडे के चुनाव अभियान के प्रबंधन और उनकी अनुपस्थिति में बीड जिले के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे। वाल्मीक कराड ने पवनचक्की निर्माण कंपनी अवाडा से 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। इससे कंपनी प्रशासन और वाल्मीक कराड के बीच विवाद पैदा हो गया। इस विवाद के कारण वाल्मीक कराड के सहकर्मी अवाडा कंपनी में चले गए थे। उस समय उसने वहां के सुरक्षा गार्ड की पिटाई कर दी थी। चूंकि यह सुरक्षा गार्ड मासजोग गांव का था, इसलिए सरपंच संतोष देशमुख अवाडा कंपनी में गए थे। वहां संतोष देशमुख और गांव वालों ने वाल्मीक कराड के गिरोह के लोगों की पिटाई कर दी। यह विवाद 6 दिसंबर 2024 को हुआ था। फिर इस लड़ाई के दर्द को ध्यान में रखते हुए वाल्मीक कराड के इशारे पर उसके साथियों ने संतोष देशमुख का अपहरण कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी।
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Tue, Mar 04 , 2025, 01:55 PM