Acharya Chanakya: आचार्य चाणक्य की पुस्तक नीति शास्त्र में मानव स्वभाव के बारे में कई बातें बताई गई हैं। इस पुस्तक में व्यक्ति का विवाहित जीवन (Married life) कैसा होना चाहिए, पति-पत्नी को कैसा व्यवहार करना चाहिए आदि से संबंधित नियमों का वर्णन किया गया है।
सफल वैवाहिक जीवन के लिए पति-पत्नी के बीच आपसी विश्वास, प्रेम और सामंजस्य बहुत जरूरी है। पिछले कुछ वर्षों में जीवनशैली में नाटकीय बदलाव आया है। चूंकि करियर को अधिक महत्व दिया जा रहा है, इसलिए स्वाभाविक है कि पति-पत्नी के बीच संवाद कम होता जा रहा है।
इस पुस्तक में बताया गया है कि यदि घर में स्त्री का स्वभाव और आचरण गलत है तो जीवन सुखी नहीं रह सकता। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विवाहित जीवन नरक के समान है।
चाणक्य नीति के अनुसार कठोर बोलने वाली स्त्री और दुष्ट स्वभाव वाला मित्र सांप के समान होते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहना जरूरी है, अन्यथा जीवन मौत के समान हो जाता है।
आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) ने अपने ग्रंथ नीतिशास्त्र में कहा है कि व्यभिचारी स्त्री का पालन-पोषण करना व्यक्ति के लिए बहुत कष्टकारी हो सकता है। ऐसी स्त्री वैवाहिक जीवन में परेशानियां पैदा करती है। इससे कभी-कभी वैवाहिक जीवन का अंत हो सकता है तथा पति-पत्नी अलग हो सकते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार जिस घर में स्त्री दुष्ट होती है, उस गृहस्वामी की स्थिति शव के समान होती है। ऐसी स्त्री का आचरण कभी भी नहीं सुधारा जा सकता, तथा ऐसी स्त्री किसी के नियंत्रण में नहीं रहती। इसलिए ऐसी स्त्री से दूर रहना जरूरी है।
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Mon, Mar 03 , 2025, 09:34 PM