Special importance of Idli: दक्षिण भारत में लोगों के नाश्ते और रात के खाने में इडली का विशेष महत्व है। इडली चावल और उड़द दाल को भिगोकर, उसका पेस्ट बनाकर, उसे भाप में पकाकर और फिर उसका पेस्ट बनाकर बनाई जाती है। लोग इडली को चटनी या सांभर के साथ खाते हैं। बाजार में खाने के लिए विभिन्न प्रकार की इडली बनाई जाती हैं और उपलब्ध होती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कर्नाटक सरकार ने इडली बनाने की एक खास विधि पर प्रतिबंध लगा दिया है?
अब ये सुनकर आपको जरूर हैरानी होगी। लेकिन यह सच है। दरअसल, पारंपरिक रूप से इडली बनाते समय उन्हें भाप देने के लिए सूती कपड़े का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन अब कई होटल और रेस्तरां सुविधा के लिए प्लास्टिक शीट का उपयोग कर रहे हैं। यह मामला कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य विभाग के संज्ञान में आया।
राज्य भर में निरीक्षण किये गये 251 होटलों में से 51 में इडली पकाने के लिए प्लास्टिक शीट का उपयोग किया जाता पाया गया। स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव (Dinesh Gundu Rao) ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। जब प्लास्टिक को गर्म किया जाता है तो उसमें से विषैले रसायन निकलते हैं और भोजन में मिल जाते हैं, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
यही कारण है कि कर्नाटक सरकार ने प्लास्टिक शीट पर इडली पकाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य विभाग (health department) ने सभी होटलों से प्लास्टिक शीट के स्थान पर स्टेनलेस स्टील की प्लेट या केले के पत्ते का उपयोग करने का आग्रह किया है। ताकि लोग अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रखते हुए स्वादिष्ट और स्वस्थ इडली का आनंद ले सकें।
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Sun, Mar 02 , 2025, 09:10 PM