आप शायद यह नहीं जानते होंगे, लेकिन अपने नाखूनों में होने वाले बदलावों को नजरअंदाज करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। दरअसल, बीमारी की शुरुआत में ही नाखूनों में कुछ बदलाव होने लगते हैं। यदि कोई व्यक्ति समय रहते इसे पहचान ले और डॉक्टर के पास जाकर जांच करवा ले तो वह जानलेवा बीमारियों से बच सकता है। उदाहरण के लिए, यदि दिल का दौरा पड़ने वाला हो, तो पहले संकेत नाखूनों पर दिखाई दे सकते हैं। इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। आइए जानें नाखूनों में होने वाले बदलाव किन बीमारियों का संकेत देते हैं...
नाखूनों में परिवर्तन के संकेत
नाखूनों का आगे का भाग गोल या बढ़ना: जब नाखून आगे की ओर गोल आकार में बदलने लगते हैं या बढ़ने लगते हैं, तो यह फेफड़ों के कैंसर या श्वसन संबंधी बीमारियों का संकेत हो सकता है।
सपाट नाखून: यदि आपके नाखून सपाट हो रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में आयरन की कमी है। हरी सब्जियां, चुकंदर, अनार आदि तुरंत खाना शुरू करें।
नाखूनों में गड्ढे: यदि नाखूनों में गाल पर डिम्पल जैसे गड्ढे दिखाई दें तो यह लीवर और गठिया रोग का संकेत हो सकता है। इससे सोरायसिस या अन्य आमवाती विकारों का खतरा बढ़ जाता है।
पीला या सफेद रंग: यदि आपके नाखून पीले या हल्के सफेद हो रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपको पीलिया है या प्रोटीन में एल्ब्यूमिन की गंभीर कमी है।
नीले नाखून: यदि आपके नाखून नीले या भूरे हैं, तो इसका मतलब है कि आपको जन्मजात हृदय रोग है।
तम्बाकू जैसे दाग: यदि नाखूनों पर निकोटीन के दाग दिखाई देते हैं, तो वे धूम्रपान के कारण हैं। यदि धब्बे गहरे हो जाएं तो यह फेफड़े के कैंसर या सीओपीडी का संकेत हो सकता है।
यदि नाखूनों पर सीधी रेखाएं बन जाएं तो क्या होगा?
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में, फोर्टिस आनंदपुर अस्पताल के त्वचा विज्ञान विभाग के सलाहकार डॉ। संजीव चौधरी कहते हैं कि नाखूनों पर ऊपर से नीचे तक सीधी रेखाएं या खड़ी रेखाएं बनती हैं। यद्यपि ऐसी रेखाएं अधिकांश लोगों में उम्र बढ़ने के साथ उत्पन्न होती हैं, लेकिन यदि त्वचा अत्यधिक शुष्क हो तो भी ये रेखाएं उत्पन्न हो सकती हैं। वहीं, कई बार ये रेखाएं थायरॉइड का लक्षण भी हो सकती हैं, जबकि कुछ मामलों में आयरन की कमी भी इसका कारण हो सकती है।
नाखूनों में क्षैतिज रेखाओं का क्या मतलब है?
यदि आपके नाखूनों में क्षैतिज रेखाएं हैं, अर्थात रेखाएं सीधी न होकर क्षैतिज हैं, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। कभी-कभी यह कीमोथेरेपी और गहरे घावों के कारण भी हो सकता है। लेकिन यदि ये रेखाएं बहुत गहरी और उभरी हुई हों, तो इसका अर्थ है कि रक्त वाहिकाएं पतली हो रही हैं, जो हृदय के लिए खतरा पैदा कर सकती हैं। इसके साथ ही यह जिंक की कमी का भी संकेत है। मलेरिया, कोविड, निमोनिया आदि बीमारियों में भी नाखूनों पर खड़ी रेखाएं बन जाती हैं।
तो क्या करना चाहिए?
यदि नाखूनों में इस तरह के परिवर्तन दिखाई दें तो थायरॉइड और खनिज की कमी के लिए रक्त परीक्षण करवाना चाहिए। यदि स्थिति अधिक गंभीर हो तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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Tue, Feb 18 , 2025, 09:45 AM