भागवत ने देश की सुरक्षा के लिए हिंदुओं से किया एकजुट होने का आह्वान!

Sun, Feb 16 , 2025, 08:18 PM

Source : Uni India

बर्धमान। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने रविवार को हिंदू समुदाय से देश की सुरक्षा के लिए एकजुट होने तथा दुनिया को शांति और समृद्धि का मार्ग दिखाने का आह्वान किया।

 भागवत ने पूर्व बर्धमान जिले में एसएआई कॉम्प्लेक्स (SAI Complex) में आरएसएस कार्यकर्ताओं की एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए कहा, “सिकंदर के समय से ही भारत पर निशाना साधा जाता रहा है, लेकिन अब तक कोई बाहरी ताकत, यहां तक ​​कि ब्रिटिश भी हिंदू समुदाय की विविधता में एकता के कारण स्थायी रूप से यहां नहीं बस पाये हैं।” उन्होंने लोगों से आरएसएस से जुड़ने और संगठन को अंदर से महसूस करने का भी आग्रह किया क्योंकि यहां किसी के लिए कोई रोक नहीं है, न ही प्रवेश के लिए कोई शुल्क है और हर कोई स्वतंत्र है कि अगर उसे लगता है कि वह इसमें फिट नहीं बैठता है तो वह खुद ही जा सकता है।

आरएसएस प्रमुख (RSS chief) ने सभा में कहा, “हां, अगर आप आरएसएस में आते हैं तो आपको भारत की बेहतरी के लिए भी योगदान देना चाहिए और बदले में किसी चीज की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।” इस सभा में मातृशक्ति विंग की कई महिलाओं ने हिस्सा लिया।

उन्होंने कहा कि आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है, क्योंकि इसकी 70,000 शाखाएं हैं। उन्होंने दुनिया की विविधता को अपनाने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हिंदू समाज का मानना ​​है कि एकता में ही विविधता समाहित है। संघ प्रमुख ने हिंदू समाज के भीतर एकता की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि अच्छे समय में भी चुनौतियां आ सकती हैं। उन्होंने हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि समस्याएं हर जगह हैं, लेकिन सभी को मिलकर बाधाओं को दूर करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “महत्वपूर्ण यह है कि हम उनका सामना करने के लिए कितने तैयार हैं।”

श्री भागवत ने कहा, “लोग अक्सर पूछते हैं कि आप केवल हिंदू संगठनों पर ही ध्यान क्यों देते हैं और मेरा जवाब है कि देश का जिम्मेदार समाज हिंदू समाज है। हम हिंदुओं को एकजुट करना चाहते हैं क्योंकि भारत के सच्चे उत्तराधिकारी हिंदू हैं। आज कोई खास कार्यक्रम नहीं है। संघ से अनभिज्ञ लोगों के मन में एक सवाल उठता है। अगर हमें यह जवाब देना है कि संघ क्या चाहता है तो मैं कहूंगा कि संघ हिंदू समाज को संगठित करना चाहता है, क्योंकि देश का जिम्मेदार समाज हिंदू समाज है।”

संघ प्रमुख ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना 1947 में भारत के विभाजन का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “भारत की अपनी प्रकृति है। वे (समाज का एक वर्ग) उन सभी विशेषताओं के साथ नहीं रह सकते थे, इसलिए उन्होंने एक अलग देश बना लिया। हिंदू दुनिया की विविधता को स्वीकार करके जीते हैं, हम आजकल विविधता में एकता कहते हैं और हिंदू समझते हैं कि विविधता ही एकता है।”

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने राज्य में जारी 10वीं की परीक्षाओं का हवाला देते हुए आरएसएस की रैली पर आपत्ति जतायी थी, हालांकि बाद में कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पुलिस की आपत्ति को खारिज किये जाने के बाद रैली आयोजित की गयी।

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