Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि के अवसर पर करें महाराष्ट्र के इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन; आपको यहाँ मानसिक शांति मिलेगी

Sat, Feb 15 , 2025, 01:22 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025:) का त्यौहार बस कुछ ही दिन दूर है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 (Mahashivratri 26 February 2025) को मनाई जाएगी। यह दिन पूर्णतः भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। यही कारण है कि इस विशेष दिन पर लोग उपवास रखते हैं, रुद्राभिषेक करते हैं और शिव मंदिरों में जाते हैं। शिवरात्रि के दिन विभिन्न शिव मंदिरों में जाना शुभ माना जाता है। इस दिन सभी शिव मंदिरों में भारी भीड़ और उत्साह देखा जाता है।

देश भर में 12 ज्योतिर्लिंग हैं, जहां भक्त दर्शन के लिए जा सकते हैं। ज्योतिर्लिंग वह स्थान है जहां भगवान शिव प्रकाश के रूप में प्रकट हुए थे और लिंग के रूप में स्थित हैं। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात सहित कई राज्यों में ज्योतिर्लिंग हैं। इनमें से अधिकांश ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र में स्थित हैं। महाराष्ट्र में 5 पवित्र ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर महाराष्ट्र में इन 5 पवित्र ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करना एक अद्भुत अनुभव हो सकता है। हर साल यहां लाखों श्रद्धालु जुटते हैं और शिवभक्त भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। यदि आपने इस शिवरात्रि के लिए कोई योजना नहीं बनाई है, तो तुरंत काम पर लग जाइए और एक या एक से अधिक ज्योतिर्लिंगों के दर्शन अवश्य कीजिए।

भीमाशंकर

  • भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, दो ज्योतिर्लिंगों में से एक, पुणे से 100 किमी दूर स्थित है।
  • यह सह्याद्रि पर्वत की खूबसूरत घाटियों में स्थित है।
  • ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने इसी स्थान पर राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था।
  • यह स्थान भीमाशंकर वन्यजीव अभयारण्य के निकट है, जहां प्रकृति प्रेमियों के लिए बहुत कुछ है।
  • पुणे से लगभग 110 किमी दूर स्थित इस मंदिर तक सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

त्र्यंबकेश्वर

  • त्र्यम्बकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित है।
  • यह मंदिर नासिक से 28 किमी दूर ब्रह्मगिरी पहाड़ी पर स्थित है।
  • इस शिवलिंग की विशेषता इसका अनोखा आकार है, जो तीन छोटे लिंगों से बना है, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक हैं।
  • नासिक से 30 किमी दूर स्थित इस मंदिर तक मुंबई और पुणे से भी पहुंचा जा सकता है।

घृष्णेश्वर मन्दिर

  • 12वें और अंतिम ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध घृष्णेश्वर मंदिर औरंगाबाद जिले में स्थित है।
  • यह मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल एलोरा गुफाओं के पास स्थित है।
  • मंदिर की नक्काशीदार दीवारें और दक्षिण भारतीय शैली की वास्तुकला इसे बहुत भव्य बनाती है।
  • औरंगाबाद से 15 किमी दूर स्थित इस मंदिर तक रेल और सड़क दोनों से पहुंचा जा सकता है।

परली वैजनाथ

  • परली वैजनाथ ज्योतिर्लिंग बीड जिले में स्थित है और निकटतम रेलवे स्टेशन परली वैजनाथ है।
  • ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने यहीं पर अमृत कलश की स्थापना की थी, जिससे यह स्थान अमरता का प्रतीक बन गया।
  • इस मंदिर में शिवलिंग पर जल चढ़ाना प्रतिबंधित है, लेकिन भक्तजन बाहर से जल चढ़ा सकते हैं।


औंधा नागनाथ

  • यह ज्योतिर्लिंग हिंगोली जिले में है और नांदेड़ से लगभग 50 किमी दूर है।
  • सत्य युग से जुड़े औंधा नागनाथ ज्योतिर्लिंग का उल्लेख रामायण और महाभारत में किया गया है।
  • मंदिर की वास्तुकला बहुत प्राचीन और अद्भुत है।
  • ऐसा कहा जाता है कि पांडवों ने यहां भगवान शिव की पूजा की थी।

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