Pediatric hypertension: पहले कहा जाता था कि जैसे-जैसे हम बुढ़ापे की ओर बढ़ते हैं, रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियाँ विकसित होने लगती हैं। हालाँकि, आज की व्यस्त जीवनशैली, मानसिक तनाव और जंक फूड (junk food) के अत्यधिक सेवन से न केवल मध्यम आयु वर्ग के लोगों में बल्कि युवा लोगों में भी उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। सबसे बुरी बात यह है कि किशोर भी उच्च रक्तचाप से पीड़ित होने लगे हैं। कुछ दिन पहले अहमदाबाद में एक स्कूली छात्रा की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। इसलिए अब छोटे बच्चे भी उच्च रक्तचाप से पीड़ित देखे जा रहे हैं। उच्च रक्तचाप की इस समस्या के कारण अब बच्चों को अपने स्वास्थ्य (health) का ध्यान रखना होगा। लेकिन सवाल यह उठता है कि छोटे बच्चों में उच्च रक्तचाप की समस्या क्यों बढ़ रही है? आइए विशेषज्ञों से जानें कि इसके लक्षण क्या हैं।
बच्चों को उच्च रक्तचाप क्यों होता है?
बच्चों में उच्च रक्तचाप के 2 प्रकार पाए जाते हैं। प्राथमिक उच्च रक्तचाप और द्वितीयक उच्च रक्तचाप। प्राथमिक उच्च रक्तचाप किशोरों और युवा वयस्कों में आम है। हालाँकि, द्वितीयक उच्च रक्तचाप की घटना अपेक्षाकृत कम है। द्वितीयक उच्च रक्तचाप उन बच्चों में देखा जाता है, जिन्हें गुर्दे की समस्या, हाइपरथायरायडिज्म, हार्मोनल असंतुलन, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप या कुछ आनुवंशिक रोग होते हैं, या जिन पर दवाओं के दुष्प्रभाव होते हैं।
बच्चों में उच्च रक्तचाप के लक्षण?
थकान, कमजोरी और सिरदर्द उच्च रक्तचाप के लक्षण हैं। हालांकि, छोटे बच्चों में लगातार उल्टी या मतली, सीने में जकड़न, सांस लेने में कठिनाई, तेज़ दिल की धड़कन और आंखों के सामने अचानक अंधेरा छाने जैसे लक्षण हो सकते हैं। बच्चे मौज-मस्ती पसंद करने वाले और लगातार खेलते रहने वाले होते हैं, इसलिए यदि उनमें ये लक्षण पाए भी जाएं तो उन्हें पहचानना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, इन लक्षणों को शुरू में नजरअंदाज कर दिया जाता है। लगातार शिकायतों को नजरअंदाज करना महंगा पड़ सकता है। क्योंकि इससे हृदयाघात, स्ट्रोक, किडनी रोग या मनोभ्रंश जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं।
बच्चों में उच्च रक्तचाप बढ़ रहा है!
डॉ. विवेक कुमार का कहना है कि हाल के दिनों में बच्चों में उच्च रक्तचाप की शिकायत बढ़ी है। लगभग 7 से 8 वर्ष पहले 20-30 वर्ष की आयु के युवाओं में उच्च रक्तचाप की व्यापकता नगण्य थी। लेकिन अब 6 से 19 वर्ष की आयु के बच्चे भी उच्च रक्तचाप से पीड़ित हो रहे हैं।
स्वस्थ, पौष्टिक आहार लाभदायक है!
अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ प्रीति पांडे के अनुसार, स्वस्थ, पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक आहार से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए आहार में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम वसा वाले डेयरी उत्पादों को शामिल करना जरूरी है। मोटापा मधुमेह और उच्च रक्तचाप का भी कारण हो सकता है। इसलिए वजन घटाने के लिए नियमित व्यायाम भी जरूरी है। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट तक पैदल चलना, एरोबिक्स, तैराकी और साइकिल चलाना जैसे व्यायाम उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम कर सकते हैं। इसके अलावा योग आसनों की मदद से तनाव को कम किया जा सकता है। अपने आहार में नमक की मात्रा कम करने से रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है।
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Sun, Jan 26 , 2025, 02:49 PM