New obesity criteria for Indians: मोटापा एक वैश्विक सिरदर्द बन गया है। दुनिया के हर देश में लोग मोटापे (Obesity) की इस बीमारी से पीड़ित हैं। मोटापा शरीर में अतिरिक्त वसा का संचय है। शरीर में जमा होने वाली यह वसा यकृत, हृदय और गुर्दे (Heart and kidneys) जैसे अंगों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। इसके कारण रक्तचाप और मधुमेह जैसी विभिन्न बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है। बीएमआई फार्मूले का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि कोई व्यक्ति कितना मोटा या स्थूल है। मोटापे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर (International level) पर एक समान तरीके से मापा जाना चाहिए। लेकिन अब भारतीयों के लिए एक नया फॉर्मूला तैयार किया गया है।
बीएमआई फार्मूला क्या है?
बीएमआई फार्मूले का उपयोग यह मापने के लिए किया गया कि किसी व्यक्ति के शरीर में कितनी वसा संग्रहित है। इसमें वजन को ऊंचाई के वर्ग से विभाजित किया जाता है। आइये इस गणित को सरल तरीके से समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। मान लीजिए किसी व्यक्ति का वजन 50 किलोग्राम है और उसकी लंबाई 5 फीट है। तो सबसे पहले, आइए ऊंचाई को फीट से मीटर में बदलें। 5 फीट 1.53 मीटर है। अब आइए पुनः 1.5 मीटर को 1.5 मीटर से गुणा करें। 1.5 x 1.5 = 2.25. अब 50 किलोग्राम वजन को 2.25 से भाग दें। उत्तर 22.22 होगा। यदि बीएमआई 18.5 और 24.5 के बीच है, तो इसे सामान्य माना जाता है। हालाँकि, यदि यह 24.5 से अधिक है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति के शरीर में वसा जमा हो गई है।
भारतीयों के लिए अलग फार्मूला क्यों?
भारतीयों में मोटापे की सीमा और प्रकार अलग-अलग हैं। उदाहरण के लिए। कुछ लोगों का पेट बड़ा होता है, कुछ की कमर बड़ी होती है, और कुछ की जांघों पर अतिरिक्त चर्बी होती है। इसलिए, भारतीयों के मोटापे को अंतर्राष्ट्रीय तरीकों का उपयोग करके सार्वभौमिक रूप से मापा नहीं जा सका। इसलिए, नेशनल डेटाबेस फॉर ओबेसिटी एंड कोलेस्ट्रॉल मैनेजमेंट और एम्स ने मिलकर इसके लिए एक नया फॉर्मूला विकसित किया है।
नया फार्मूला क्या है?
नए फार्मूले के अनुसार कमर की परिधि की गणना भी बीएमआई में की जाएगी। इसके लिए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कमर की परिधि, कमर-से-ऊंचाई का अनुपात और पेट की चर्बी शामिल है। इसके अतिरिक्त, मोटापे को सामान्य तरीके से मापने के बजाय, मोटापे के दो चरण परिभाषित किए गए हैं। नए नियमों के अनुसार, जिन महिलाओं की कमर का आकार 80 सेंटीमीटर से अधिक है और जिन पुरुषों की कमर का आकार 90 सेंटीमीटर से अधिक है, उन्हें मोटा माना जाएगा।
मोटापे को मापने के लिए कमर-से-ऊंचाई का अनुपात भी महत्वपूर्ण है। नये नियमों के अनुसार यह अनुपात 0.5 से अधिक नहीं होना चाहिए। अब पुराने मानक के अनुसार, यदि बीएमआई 23 किग्रा/मी2 से अधिक है, तो इसे स्टेज 1 मोटापा माना जाता है। हालांकि, यदि पेट और कमर पर चर्बी है और बीएमआई 23 किग्रा/मी2 से अधिक है, तो इसे स्टेज 2 मोटापा माना जाता है। इसलिए, मोटापे को मापने की नई विधि से भारतीयों में मोटापे का सटीक निदान किया जा सकता है।
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Fri, Jan 17 , 2025, 08:57 PM