Digital Health: रोबोट कभी भी मनुष्य जैसे नहीं हो सकते। वे मशीन हैं और उनमें मानवीय भावनाओं को समझने की क्षमता नहीं है। हालाँकि, रोबोट (Robots) के बारे में यह धारणा अब बदलने वाली है। आने वाले समय में ऐसे रोबोट होंगे जो आपकी त्वचा को छूकर आपके विचारों को समझ लेंगे।
क्या आप अंदर से दुखी हैं या खुश? क्या आपका मूड खराब है? रोबोट आपकी बिना कुछ कहे ही ये सारी बातें समझ लेगा। जी हां, वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि निकट भविष्य में कुछ ऐसे रोबोट आएंगे।
यह रिपोर्ट (IEEE Access) नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है। तदनुसार, आप अंदर से कैसा महसूस करते हैं, इसका प्रभाव आपकी त्वचा पर भी पड़ता है। इससे तंत्रिका गतिविधि और पसीना भी प्रभावित होता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, मानवीय भावनाओं को समझने का यह सबसे सटीक तरीका है। क्योंकि जब हम किसी की वाणी या चेहरे के भावों में उतार-चढ़ाव से उसकी मनःस्थिति को समझने की कोशिश करते हैं, तो परिणाम हमेशा सटीक नहीं होते। उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं। इसलिए इस पद्धति को सफल नहीं कहा जा सकता।
दूसरी ओर, भावनाओं को त्वचा के माध्यम से वास्तविक समय में महसूस किया जा सकता है। टोक्यो मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन में 33 लोगों को शामिल किया। शोध के दौरान, सभी प्रतिभागियों को भावनात्मक वीडियो दिखाए गए और उनकी त्वचा चालकता का परीक्षण किया गया।
इस दौरान उनके बीच अलग-अलग भावनाएं देखने को मिलीं। जब पारिवारिक बंधन जैसा कोई दृश्य सामने आया, तो प्रतिभागियों ने खुशी और दुख दोनों के साथ प्रतिक्रिया व्यक्त की, लेकिन इसे पहचानने में थोड़ा देर हो गई। संभवतः, ऐसा एक ही समय में भावनाओं के एक दूसरे से टकराने के कारण हो सकता है। लेकिन डर की भावना लंबे समय तक बनी रही। दूसरी ओर, खुशी का एहसास तुरंत आया और चला गया।
वैज्ञानिकों के अनुसार, जैसे-जैसे मूड बदलता है, भावनाएं भी बदलती हैं, और इन सभी भावनाओं को त्वचा चालन के माध्यम से सबसे अच्छी तरह से समझा जा सकता है।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Tue, Dec 31 , 2024, 09:45 PM