Symptoms of Diabetes in Children: मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है या इसका सामान्य रूप से उपयोग नहीं कर पाता है। डायबिटीज (Diabetes) दो प्रकार की होती है, जिसमें टाइप-1 और टाइप-2 शामिल है। टाइप 2 मधुमेह एक पाचन विकार है। इंसुलिन हमारे शरीर में पाया जाने वाला एक हार्मोन है। यह शरीर में कोशिकाओं को रक्त से ग्लूकोज को ईंधन के रूप में उपयोग करने में मदद करता है। जब ग्लूकोज कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता तो यह रक्त में जमा हो जाता है। इस स्थिति को हाइपरग्लेसेमिया कहा जाता है। इस स्थिति में रक्त वाहिकाएं और तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। साथ ही यह आंखों, किडनी और हृदय को नुकसान पहुंचा सकता है। टाइप 2 मधुमेह न केवल वयस्कों और बुजुर्गों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि बच्चे भी इससे पीड़ित होने लगे हैं।
बच्चों में टाइप-2 मधुमेह का क्या कारण है?
बच्चों में टाइप 2 मधुमेह का कारण अज्ञात है। लेकिन अनुमानतः यह आनुवंशिक कारणों से बच्चों में हो सकता है। वहीं, मोटापा जैसे किसी भी अन्य कारक से बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
आइए जानते हैं कुछ ऐसे कारकों के बारे में जो मधुमेह के खतरे को बढ़ाते हैं-
- टाइप 2 मधुमेह का पारिवारिक इतिहास
- अधिक वजन होने के नाते
-नियमित रूप से व्यायाम न करना
- प्री-डायबिटीज होना
-अगर उनकी मां को गर्भकालीन मधुमेह है तो खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों में टाइप-2 मधुमेह के लक्षण क्या हैं?
टाइप 2 मधुमेह के लक्षण बच्चों में देर से दिखाई देते हैं, जो लगभग सामान्य लक्षण हैं।
-बार-बार मूत्राशय में संक्रमण होना
-त्वचा में संक्रमण या घाव
-जल्दी पेशाब आना
- भूख बढ़ने के बावजूद वजन कम होना
-बहुत प्यास लगी है
-धुंधली दृष्टि
- बिना वजह थकान और कमजोरी महसूस होना
-समुद्री बीमारी और उल्टी
-हाथों या पैरों में झुनझुनी या संवेदना की हानि
- त्वचा पर काले धब्बे दिखना आदि।
बच्चों में टाइप-2 मधुमेह का इलाज कैसे करें?
बच्चों में टाइप 2 मधुमेह का उपचार लक्षणों, उम्र और सामान्य स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। इसका इलाज मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर करता है कि बच्चे की स्थिति कितनी गंभीर है। मधुमेह के उपचार का मुख्य लक्ष्य शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना है, जिसे आप निम्नलिखित तरीकों से कर सकते हैं।
-सबसे पहले बच्चों की डाइट हेल्दी रखें, शुगर लेवल बढ़ाने वाला खाना न दें।
-अगर तेजी से वजन घट रहा है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
-बच्चों को नियमित व्यायाम करने के लिए प्रोत्साहित करें।
- बच्चों के आसपास साफ-सफाई पर नजर रखें।
-किसी अच्छे डॉक्टर की मदद से इंसुलिन रिप्लेसमेंट थेरेपी कराएं।
- नियमित रूप से उनके रक्त शर्करा के स्तर की जांच करें।
-अगर डॉक्टर ने दवाएं लिखी हैं तो उन्हें नियमित रूप से दें।
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Thu, Nov 14 , 2024, 02:10 PM