Ganesh Chaturthi 2024: भगवान गणेश को देवताओं में सबसे पहले पूजा जाता है। गणपति को बुद्धि का देवता (god of wisdom) माना जाता है। प्रत्येक मांगलिक कार्य (auspicious work) में इन्हें प्रथम स्थान प्राप्त है। गणपति जलतत्त्व के अधिपति हैं। यही कारण है कि अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है और गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार महर्षि वेदव्यास जी ने गणेश चतुर्थी से लगातार दस दिनों तक भगवान गणेश को महाभारत की कथा सुनाई थी। इसे वस्तुतः गणपति ने लिखा था। जब वेदव्यास कथा सुना रहे थे तो उन्होंने अपनी आंखें बंद रखीं। उन्हें नहीं पता था कि इस कहानी का गणपति पर क्या प्रभाव पड़ रहा है।
जब महर्षि ने कथा समाप्त की और अपनी आँखें खोलीं तो देखा कि 10 दिनों तक कथा सुनने के बाद गणपति का तापमान बहुत बढ़ गया था। उन्हें बुखार था। महर्षि वेदव्यासजी ने गणपति को पास के एक तालाब में डुबकी लगाने के लिए कहा जिससे उनके शरीर का तापमान थोड़ा कम हो गया। ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश सगुण साकार रूप में उस मूर्ति में निवास करते हैं, जिसे गणपति उत्सव के दौरान स्थापित किया जाता है।
मान्यता यह है कि गणपति उत्सव के दौरान लोग अपनी सारी मनोकामनाएं भगवान गणेश से कहते हैं। गणेश जी की स्थापना के 10 दिनों तक गणेश जी लोगों की मनोकामनाएं सुनते हैं और इतने तपते हैं कि चतुर्दशी के दिन उन्हें बहते जल में विसर्जित करके उन्हें ठंडा किया जाता है।
गणपति बप्पा से जुड़े मोरया नाम के पीछे गणेश जी का मयूरेश्वर रूप माना जाता है। गणेश-पुराण के अनुसार, भगवान गणेश ने सिंधु नामक राक्षस के अत्याचार को मिटाने के लिए उसे चुनौती दी थी। भगवान गणेश ने सिंधु को नष्ट करने के लिए मयूर को अपने वाहन के रूप में चुना और छह भुजाओं वाला अवतार धारण किया। भक्तगण गणपति बप्पा मोरया के जयकारे के साथ इस अवतार की पूजा करते हैं।
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Thu, Sep 12 , 2024, 03:01 AM