Ladki bahin yojana: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) में मिली करारी हार से राज्य सरकार सतर्क हो गई है। आगामी विधानसभा चुनाव (upcoming assembly elections) को देखते हुए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। इसमें मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना(Chief Minister Ladli Behan Yojana), तीर्थ दर्शन योजना शुरू की गई है। सरकार इन योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार करने जा रही है। इसके लिए 270 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है और समाचार पत्र, समाचार चैनल, सोशल मीडिया, एस.टी. यह प्रचार-प्रसार स्टेशनों, हवाई अड्डों, होर्डिंग्स आदि के माध्यम से किया जाएगा।
राज्य में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने लगा है। लोकसभा चुनाव में मिली सफलता से अब महागठबंधन सरकार (Mahagathbandhan government) अलर्ट पर है। इसलिए, सरकार ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए योजनाएं शुरू की हैं। इस साल के बजट में 'मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना', 'मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना(Mukhyamantri Tirtha Darshan Yojana)', युवाओं को अनुदान, छात्राओं के लिए स्नातक तक मुफ्त शिक्षा, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं के लिए प्रति वर्ष तीन सिलेंडर मुफ्त जैसी कई घोषणाएं की गई हैं। इन योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने और इनका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के लिए पब्लिसिटी मीडिया योजना लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सरकार ने 270 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सोमवार को आदेश भी दे दिया गया है।
इस तरह करेंगे प्रचार
लाडली बहन योजना के तहत महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। इस बीच, एनसीपी ने अपने प्रचार अभियान में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का जिक्र करने से परहेज किया है क्योंकि इस योजना का श्रेय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) को दिया गया है। सोशल मीडिया के जरिए राज्य की जनता से बातचीत के दौरान भी अजित पवार (Ajit Pawar) ने मुख्यमंत्री का जिक्र करने से परहेज किया। वहीं, महागठबंधन में अंदरूनी क्रेडिट विवाद चल रहा है और अब इन योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर 270 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। सरकारी प्रचार के तहत मशहूर हस्तियों, लघु फिल्मों, वृत्तचित्रों के लिए 3 करोड़ रुपये, समाचार पत्रों के विज्ञापन के लिए 40 करोड़ रुपये, समाचार चैनलों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, एसटी बस स्टेशनों, एसटी बस ट्रेनों, होर्डिंग्स, नगर निगम सिटी बस सेवाओं, रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों के लिए 40 करोड़ रुपये , हवाई अड्डों, आवासीय परिसरों आदि पर 136 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। सोशल मीडिया में प्रचार-प्रसार के लिए 270 करोड़ यानी 51 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे।
विरोधियों ने की आलोचना
विरोधियों ने इसकी आलोचना की है क्योंकि इतनी बड़ी रकम एक सरकारी योजना पर खर्च की जाएगी। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा है कि यह खर्च फिजूलखर्ची है। वडेट्टीवार ने कहा कि विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है और लोग लोकसभा की तरह सबक सीखेंगे।
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Tue, Jul 30 , 2024, 12:17 PM