Astrology. शास्त्र के अनुसार गुरु को ज्ञान, शिक्षा, धन और धर्म का कारक माना जाता है। इसके अलावा, गुरु को नौ ग्रहों में सबसे शुभ ग्रह के रूप में जाना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रह सेनापति मंगल (planet commander Mars) 12 जुलाई 2024 को वृषभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं। लेकिन गुरु तो यहां पहले से ही मौजूद हैं। इसलिए बृहस्पति मंगल की युति वृषभ राशि में दिखाई देगी। मंगल-बृहस्पति का यह शुभ संयोग (auspicious conjunction) 45 दिनों तक रहने वाला है। परंतु यदि यह युति कुंडली में शुभ भाव में हो तो ही इसका शुभ लाभ मिलता है। अशुभ स्थिति में होने पर इन राशियों को बड़ी परेशानियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस बीच कुछ राशियों को इस संयोग का नकारात्मक प्रभाव भी झेलना पड़ेगा। 12 जुलाई से 26 अगस्त तक गुरु-मंगल की युति इन राशियों को परेशान करेगी। आइए जानते हैं आखिर ये राशियां कौन सी हैं।
इन 4 राशियों को 45 दिनों तक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों को गुरु-मंगल युति का नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ेगा। इस राशि के लोगों को आर्थिक तंगी, स्वास्थ्य संबंधी शिकायतें, वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी से मतभेद, काम में एकाग्रता की कमी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
तुला राशि
तुला राशि वालों के लिए गुरु-मंगल की युति हानिकारक रहेगी। इस दौरान आपको आर्थिक नुकसान, व्यापार में कठिनाइयां, काम में देरी, जीवनसाथी के बीच विवाद जैसी कई समस्याएं देखने को मिलेंगी। इसके अलावा स्वास्थ्य भी कमजोर रहेगा।
कुंभ राशि
गुरु-मंगल की युति कुंभ राशि वालों के लिए भी अशुभ रहेगी। इस अवधि में आपको नौकरी में विभिन्न समस्याओं, व्यापार में आर्थिक हानि, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं, घर में छोटी-छोटी बातों पर मतभेद का सामना करना पड़ेगा।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए गुरु-मंगल की युति मिश्रित फलदायी रहने वाली है। इस अवधि में आपको करियर में उतार-चढ़ाव और पारिवारिक विवादों का सामना करना पड़ेगा।
फायदेमंद होंगे 'ये' उपाय
गुरु-मंगल की युति में मंगल के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। साथ ही लाल रंग की वस्तुओं का दान करें। ऐसा करने से मंगल ग्रह प्रसन्न होते हैं। वहीं गुरु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए गुरुवार का व्रत करना चाहिए। पीले रंग की वस्तुएं भी दान करें। इसलिए बृहस्पति प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही "ओम नमो नारायणाय नमः" मंत्र का जाप करना चाहिए। इस 45 दिन की अवधि में प्रतिदिन सूर्य नमस्कार करना चाहिए और योग-ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। ये सभी उपाय आपको बृहस्पति और मंगल के दुष्प्रभाव से कुछ राहत देंगे।
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Sat, Jul 13 , 2024, 01:59 AM