समुद्र का पानी मीठा करने नही आई कोई कंपनी, मनपा ने टेंडर भरने के लिए बढ़ाई तारीख

Mon, Mar 11 , 2024, 08:13 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई। समुद्र का पानी (sea ​​water) को पीने योग्य मीठा पानी बनाने के लिए मनपा ने ट्रेंडर जारी किया था। मनपा द्वारा जारी किए गए टेंडर (Tender) में किसी कंपनी द्वारा रिस्पॉंस नहीं मिलने के बाद मनपा ने टेंडर की तारीख 12 अप्रैल तक बढ़ा दी है। बता दे कि मालाड स्थित मनोरी में समुद्र के पानी को मीठा करने के लिए मनपा ने ग्लोबल टेंडर निकाला था। मनपा द्वारा निकाले गए टेंडर का कुछ एकमात्र कंपनियों का ही रिस्पॉन्स मिलने के कारण मनपा ने टेंडर की तारीख बढ़ा दी है।  इस प्रोजेक्ट के द्वारा समुद्र से 400 एम एल डी पानी को मीठा कर लोगो की प्यास बुझाई जाएगी। मनपा ने 400 एमएलडी पानी को मीठा करने के लिए और उसकी देखभाल करने के लिए 20 का ठेका देने का टेंडर निकाला है।  उल्लेखनीय है कि  देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पानी की समस्या को देखते हुए मनपा ने समुद्र के खारे पानी को मीठा बनाने के योजना तैयार की है। मनपा ने समुद्र के पानी को मीठा करने के लिए डीपीआर तैयार किया। सलाहकार द्वारा डीपीआर में सही निर्देश के बाद  मनपा ने अब  समुद्र के पानी को मीठा करने के लिए टेंडर भी तैयार कर लिया है। मनपा ने ग्लोबल टेंडर (global tender)  तैयार किया है जिसे अगले कुछ दिनों में जारी किया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 5000 करोड़ रुपए खर्च होंगे।यह प्रोजेक्ट साढ़े तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।वर्तमान में सात तालाबों से मुंबई को प्रतिदिन 3850 एमएलडी पानी आपूर्ति की जा रही है। जबकि आज की जनसंख्या के अनुसार मुंबई को 4600 एम एल डी की जरूरत है। बरसात नहीं होने पर मुंबई में पेयजल आपूर्ति करने का टेंशन बढ़ जाता है। मुंबई में खारे पानी को मीठा बनाने की योजना से पानी का एक और विकल्प तैयार हो जाएगा। इससे मुंबईकरों को बड़ी राहत मिल सकती है। प्रतिदिन मिलेगा 400  मिलियन लीटर पानी समुद्र के खारे पानी को मीठा बनाने की परियोजना मालवणी के पास मनोरी द्वीप पर 12 हेक्टेयर में स्थापित की जाएगी।

समुद्र में ढ़ाई किमी दूर से लाया जाएगा खारा पानी
 मनोरी में बनने वाले प्लांट के लिए समुद्र में 2.5 किमी भीतर 4 मीटर व्यास की सुरंग के जरिए पानी लाया जाएगा। सुरंग बनाने के अलावा वहां बड़ा कूप बनाया जाएगा। मनोरी प्लांट (Manori Plant) में उस पानी को शुद्ध करके बचा हुआ खराब पानी वापस समुद्र में छोड़ दिया जाएगा।   लागत में 4 रुपए का अंतर  जलाशय से लाया जाने वाले पानी पर प्रति 1000 लीटर के लिए 38 रुपए खर्च आता है। लेकिन समुद्र से पानी को शुद्ध बनाने पर यह खर्च प्रति 1000 लीटर 42 रुपए आएगा। इससे लागत में मामूली अंतर रहेगा।

  ग्रीन एनर्जी, पावर विंड से कम होगी लागत
 समुद्र से पानी को शुद्ध बनाने की लागत जलाशयों से आने वाले पानी की अपेक्षा बहुत महंगा पड़ रहा है। इसलिए समद्र के पानी को पीने लायक बनाने पर आने वाले लागत को कम करने के लिए ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें हाइब्रिज एनर्जी (hybrid energy)  जिसमें विंड और सोलार का उपयोग किया जाएगा। इससे प्लांट को संचालित करने की लागत कम हो जाएगी।

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