Maratha Reservation: मनोज जारांगे मारुति की पूंछ हैं, वह शांत नहीं बैठेंगे: छगन भुजबल

Thu, Feb 22 , 2024, 12:41 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Chhagan Bhujbal on Manoj Jarange: मनोज जारांगे (Manoj Jarange) मारुति के पूंछ हैं। वह शांत नहीं बैठेगे. राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने हमला बोलते हुए कहा कि वे कह रहे हैं कि गाड़ी आगे लो, चुनाव नहीं कराने की बात कह रहे हैं. मराठा आरक्षण (Maratha reservation) को लेकर छगन भुजबल और मनोज जारांगे के बीच पिछले कुछ दिनों से जुबानी बहस चल रही है. आरोपों का दौर चल रहा है. मनोज जारांगे ने मांग की है कि मराठों को ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) दिया जाना चाहिए. भुजबल कहते हैं कि ओबीसी को अलग से आरक्षण दीजिए. दोनों के बीच नोकझोंक होती रहती है. अब मुंबई में बोलते हुए छगन भुजबल ने मनोज जारांगे की आलोचना की. भुजबल ने कहा है कि मनोज जारांगे मारुति के पुछल्ले (Maruti's tail) हैं, वह चुप नहीं बैठेंगे.

विवाद को लेकर श्रेया ने की भूख हड़ताल -
मनोज जारांगे को कुछ नहीं पता. वे बिना वजह गांव बंद करने की बात कहते हैं. बुज़ुर्गों को भूख हड़ताल (hunger strike) पर बिठाया जाता है, अगर उन्हें कुछ हो गया तो क्या करें? कुल मिलाकर सरकार सकारात्मक सोच रही है, लेकिन इससे गलतफहमियां पैदा हो रही हैं.' वे प्रचार के लिए कुछ भी कह देते हैं. इस दौरान भुजबल ने आरोप लगाया कि समाज के लोगों से 10 तारीख के अनशन के बारे में नहीं पूछा गया था, वे क्रेडिट विवाद (credit dispute) के कारण अनशन पर बैठे थे.

इसका कोर्ट में विरोध किया जाएगा-
सामान्य आरक्षण नहीं दिया जा सकता, सेजसॉयर शब्द (word 'sejsoir) कानून के दायरे में फिट नहीं बैठता. इसका कोर्ट में विरोध किया जायेगा. जारांगे से मराठा वोटों (Maratha votes) में हलचल मच जाएगी. भुजबल ने कहा कि सतर्क रुख अपनाया जा रहा है क्योंकि वे अपने विचारों के खिलाफ जाएंगे.

पुलिस को जारांगे को दोषी ठहराना चाहिए -
अगर बुज़ुर्गों की जान को कुछ होता है तो पुलिस को जारांगे को दोषी ठहराना चाहिए. 12वीं की परीक्षाएं चल रही हैं, ये रास्ते बंद हैं. उन्हें जनता की परवाह नहीं है. सुर्खियों में आने के लिए उन्हें सड़कों पर उतरने को कहा जाता है. 10 तारीख को जारांगे भूख हड़ताल पर बैठे, क्या उस समय जारांगे ने समुदाय के बारे में सोचा? सेजसोयरे शब्द कानून में फिट नहीं बैठता. अगर किसी का पिता अनुसूचित जाति का है तो क्या उसे प्रमाणपत्र मिलेगा? ऐसा भुजबल ने कहा.

भुजबल ने बारास्कर के बारे में क्या कहा?
मैंने बारास्कर की विधानसभा में उन्हें पकड़कर बोलने की वायरल क्लिप देखी थी। 2006 से वह मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए लड़ रहे थे, वह जारांगे के साथ रहते थे. छंग भुजबल ने कहा कि वे उनकी गुप्त बैठकों और बेतुके बयानों से थक चुके हैं.

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