मुंबई: देशभर में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) नजदीक आ रहे हैं, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) के सर्वेसर्वा रामदास अठावले (Ramdas Athawale) ने एक अहम मांग की है. उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. उन्होंने कहा कि इसके लिए शिरडी और सोलापुर निर्वाचन क्षेत्र (Shirdi and Solapur constituencies) रिपब्लिकन पार्टी को दिया जाना चाहिए। मैं जल्द ही पीएम मोदी (PM Modi) से इस पर चर्चा करूंगा. लेकिन, रामदास अठावले ने कहा कि अगर महागठबंधन ने हमारी आरपीआई पार्टी (RPI party) के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी तो हमारे लिए मुंह दिखाने की जगह नहीं बचेगी. वह रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे.
इस मौके पर रामदास अठावले ने शिरडी लोकसभा क्षेत्र (Shirdi Lok Sabha constituency) से चुनाव लड़ने की अपनी प्रबल इच्छा की घोषणा की. ''अब की बार 400 पार'' का नारा बीजेपी और हमारे एनडीए (NDA) ने दिया है. इसमें हमारी 'रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया' का भी बड़ा योगदान है. इसलिए मेरी इच्छा है कि महायुति मुझे शिरडी लोकसभा चुनाव लड़ने की इजाजत दे. मैं खुद शिरडी लोकसभा से दो बार सांसद बन चुका हूं. तीसरी बार मुझे हार माननी पड़ी. लेकिन अब मैं फिर से शिरडी लोकसभा चुनाव लड़ना चाहता हूं. हालाँकि मैं इस समय राज्यसभा में हूँ, मैं एक लोकसभा सदस्य हूँ। रामदास अठावले ने कहा कि मैं लोकसभा में आना चाहता हूं. अब देखना होगा कि अठावले के इस प्रस्ताव पर बीजेपी क्या रुख अपनाती है.
इस साल शरद पवार के लिए बारामती की लड़ाई कठिन: रामदास अठावले
इस मौके पर रामदास अठावले ने बारामती लोकसभा क्षेत्र (Baramati Lok Sabha constituency) के राजनीतिक समीकरण पर टिप्पणी की. शरद पवार एक महान नेता हैं. उन्होंने ही मुझे मंत्री बनने का पहला अवसर दिया। शरद पवार (Sharad Pawar) एक पढ़े-लिखे नेता हैं. लेकिन अगर उन्हें चुनाव आयोग का फैसला मंजूर नहीं है तो उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए. बारामती कभी शरद पवार और एनसीपी का गढ़ हुआ करता था लेकिन अब यह महागठबंधन का गढ़ है. क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनाव में महादेव जानकर ने बारामती से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, महादेव जानकर बहुत कम वोटों से हार गये थे. लेकिन अब बारामती लोकसभा आसान नहीं होगी. रामदास अठावले ने कहा कि सुनेत्रा पवार वहां से लोकसभा के लिए खड़ी होंगी.
हमारी वजह से बीजेपी को एससी वोट मिले: आठवले
बीजेपी और उसके सहयोगियों के बीच जो भी महागठबंधन बना, वह सिर्फ इसलिए नहीं हुआ कि अजित पवार का गुट इसमें शामिल हो गया, बल्कि इसलिए हुआ क्योंकि हम भी बीजेपी में हैं. यहां तक कि बीजेपी के सहयोगियों को भी पहले अंबेडकरवादी वोट नहीं मिल रहे थे. लेकिन 2012 के बाद से जब हमने बीजेपी के साथ गठबंधन किया, बीजेपी को एससी वोट मिलना शुरू हो गया, रामदास अठावले ने दावा किया.
होंडुरास को राज्यसभा नामांकन देने का कांग्रेस का फैसला सही: रामदास अठावले
कांग्रेस पार्टी ने चंद्रकांत हंडोरे (Chandrakant Handore) को राज्यसभा देकर बहुत अच्छा किया है. चंद्रकांत हंडोरे पहले हमारी पार्टी में थे. यह सही है कि अंबेडकर आंदोलन के कार्यकर्ता को राज्यसभा में जाने का मौका दिया गया. चंद्रकांत हंडोरे ने अपने काम से समाज में योगदान दिया है. कांग्रेस ने चंद्रकांत हंडोरे को राज्यसभा के लिए नामांकित किया और मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी अध्यक्ष बनाया, यह ठीक है.लेकिन रामदास अठावले ने यह बताने की कोशिश की कि जब कर्नाटक में कांग्रेस जीती तो सालिक्कार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री तक नहीं माना गया.
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Mon, Feb 19 , 2024, 10:44 AM