मुंबई: पिछले कई महीनों से राज्य भर में चल रहे मराठा आरक्षण मुद्दे (Maratha reservation issue) का समाधान निकलने की संभावना है। सराती में मनोज जारांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) के आमरण अनशन (ast unto death) के बाद मराठा आरक्षण (Maratha reservation) को लेकर घटनाओं ने जोर पकड़ लिया। कहा जा रहा है कि राज्य सरकार आने वाले हफ्तों में एक विशेष सत्र आयोजित करेगी और मराठा आरक्षण अधिनियम (Maratha Reservation Act) पारित करेगी। इस पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) ने शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी, जिसे मराठा आरक्षण के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (State Backward Classes Commission) की इसी रिपोर्ट के आधार पर मराठा आरक्षण लागू किया जाएगा। इस रिपोर्ट की कुछ अहम सिफ़ारिशों पर अभी बहस चल रही है।
मराठा आरक्षण को लेकर पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट में आख़िर क्या है?
मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण कैसे दिया जाए?
मराठा समुदाय को आरक्षण देते समय हमें पुराने कुनबी रिकॉर्ड वाले नहीं मिलेंगे. उनके लिए अलग कानून है। 1967 से पहले के कुनबी रिकॉर्ड वाले लोगों के लिए पहले से ही एक अलग कानून मौजूद है। यह हमारे द्वारा नहीं बनाया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि नया मराठा आरक्षण उन लोगों पर लागू होगा जिनके पास पिछले आरक्षण के अनुसार कोई रिकॉर्ड नहीं है। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट राज्य कैबिनेट में पेश की जायेगी। इसके बाद 20 फरवरी को सत्र में इसे पटल पर रखा जाएगा और सदन में इस पर चर्चा होगी, ऐसा भी मुख्यमंत्री ने कहा।
'ओबीसी आरक्षण को आगे बढ़ाए बिना मराठा आरक्षण'
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया कि नए मराठा आरक्षण कानून से ओबीसी का आरक्षण प्रभावित नहीं होगा। हमारे सभी समाज समान हैं। कुनबी रिकार्ड वाले मराठों को पिछले कानून के तहत आरक्षण मिलेगा। इसलिए नया मराठा आरक्षण अधिनियम उन मराठों के लिए है जिनके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। यह आरक्षण ओबीसी वर्ग से नहीं होगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया कि मराठा समुदाय का यह आरक्षण राज्य सरकार द्वारा पहले दिए गए मराठा आरक्षण अधिनियम के अनुसार स्वतंत्र होगा।
मनोज जारांगे को आंदोलन वापस लेना चाहिए : मुख्यमंत्री
सरकार की शुरू से ही यह स्थिति रही है कि ओबीसी समुदाय के आरक्षण को खतरे में डाले बिना, मराठा समुदाय को कानून के दायरे में आरक्षण मिलना चाहिए। मराठा प्रदर्शनकारियों की मांग के अनुसार, हमने उन मराठा भाइयों को प्रमाण पत्र जारी करने का काम शुरू कर दिया है, जिन्होंने कुनबी रिकॉर्ड पाया है। जब राज्य सरकार सकारात्मक रुख अपना रही है तो मनोज जारांगे का आमरण अनशन करना उचित नहीं है। शिंदे ने कहा, इसलिए, मनोज जारांगे को अपना अनशन तोड़ देना चाहिए। पहले के जीआर में कुछ पहलू अस्पष्ट थे, त्रुटियां थीं। मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि सरकार ने इसमें संशोधन कर पुराने कुनबी रिकॉर्ड वाले लोगों के लिए प्रमाण पत्र प्राप्त करना आसान बनाने की व्यवस्था की है।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Fri, Feb 16 , 2024, 12:38 PM