मुंबई. महाराष्ट्र पुलिस बल (Maharashtra Police Force) के 51 सहायक पुलिस निरीक्षकों (Assistant Police Inspectors) ने उच्च न्यायालय (High Court) का दरवाजा खटखटाया है और दावा किया है कि सरकार ने उन्हें MAT के आदेश (MAT order) का हवाला देते हुए वरिष्ठता के बावजूद पुलिस निरीक्षक के पद पर पदोन्नति देने से इनकार कर दिया है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सहायक पुलिस निरीक्षक ने मैट के आदेश को चुनौती दी है और याचिका पर 5 फरवरी को सुनवाई होगी। इस बीच कोर्ट ने याचिका पर(petition) संज्ञान लेते हुए सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
राज्य भर के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में पिछले 10 वर्षों से सहायक पुलिस निरीक्षक के पद पर कार्यरत सहायक पुलिस निरीक्षक 102 बैच के अधिकारी हैं और सरकार ने उन्हें MAT के आदेश का हवाला देते हुए पदोन्नति की अनुमति दी है। हमारे साथ अन्याय हुआ है और उन्होंने मैट के आदेश को रद्द करने की मांग की है. असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर ने एड सुरेश माने के जरिए याचिका दायर की और इस याचिका पर जस्टिस अतुल चंदूरकर और जस्टिस जितेंद्र जैन की बेंच के सामने सुनवाई हुई.
इस सुनवाई में एड. अनिल साखरे ने सरकार की गलत नीति के साथ-साथ मैट के आदेश पर भी उंगली उठाई. पीठ ने याचिका पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और याचिका पर सुनवाई 5 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी.
क्या है पुलिस की मांग?
सहायक पुलिस निरीक्षक सीधे चयन प्रक्रिया के माध्यम से शामिल हुए। उनकी नियुक्ति 1995 के पुलिस नियम के तहत की गई थी. पिछले साल आरक्षण नहीं होने के कारण उनका नाम प्रमोशन सूची से हटा दिया गया था. इस पृष्ठभूमि में याचिकाकर्ता पुलिस अधिकारियों ने मांग की है कि हमें आरक्षण के आधार पर नहीं बल्कि वरिष्ठता के आधार पर पुलिस निरीक्षक के पद पर पदोन्नत किया जाना चाहिए.
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Sat, Feb 03 , 2024, 10:02 AM