मुंबई: महाराष्ट्र सरकार जल्द ही चौथी महिला नीति (fourth women policy) की घोषणा करने जा रही है। इस नीति में महिला सशक्तिकरण (women empowerment) की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है। इनमें वित्तीय सहायता(financial aid), कर छूट(tax exemptions), आवास कोटा और मातृत्व (housing quotas and maternity)और पितृत्व अवकाश (paternity leave) शामिल होंगे। इसमें महिला उद्यमिता, शिक्षा और खेल में आरक्षण जैसे कई मुद्दे भी शामिल हैं। इस महिला नीति को कैबिनेट ने मंजूरी (approved by the Cabinet) दे दी है। साथ ही दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने भी इसे हरी झंडी दे दी है। लेकिन इसे अभी भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) की मंजूरी का इंतजार है। मुख्यमंत्री की मंजूरी मिलते ही इसकी घोषणा होने की संभावना है। आइए देखें कि इस चौथी महिला नीति में वास्तव में क्या शामिल है?
जानें नीति में शामिल प्रावधान
1) नीति अर्ध-सरकारी और निजी कंपनियों में मातृत्व और पितृत्व अवकाश का प्रस्ताव करती है। सिंगापुर की तर्ज पर सरकार ऐसी छुट्टियां बांटने वाली कंपनियों पर वित्तीय बोझ साझा कर सकती है।
2) नीति सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियों में गर्भवती महिलाओं के लिए घर से काम को प्रोत्साहित करने की भी सिफारिश करती है।
3) अनौपचारिक क्षेत्र के लिए मातृत्व लाभ और जिला मजिस्ट्रेट के अधीन कल्याण निधि भी प्रदान की जाती है।
4) जब दिसंबर के मध्य में कैबिनेट बैठक में यह नीति चर्चा के लिए आई, तो महिला एवं बाल कल्याण विभाग (डब्ल्यूसीडी) ने सुझाव दिया था कि महिलाओं को उनके मासिक धर्म के दौरान छुट्टी दी जानी चाहिए। लेकिन उपमुख्यमंत्री अजित पवार और अन्य लोगों ने इसे अवास्तविक माना। कुछ अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने कहा कि नीति में ऐसा कुछ भी नहीं होना चाहिए जो प्रशासन के कामकाज में प्रतिकूल या बाधा उत्पन्न करे। यह भी पता चला है कि उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री के पास मंजूरी के लिए भेजे जाने से पहले इस प्रावधान को नीति से हटा दिया गया था।
5) हालाँकि, मासिक धर्म के दौरान गन्ना काटने में लगी महिलाओं के लिए सवैतनिक छुट्टी का प्रावधान नई नीति का हिस्सा है। इसे इन शिकायतों के कारण शामिल किया गया था कि महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान भी खेतों में काम करना पड़ता है।
5) उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने कैबिनेट चर्चा के दौरान मेगा औद्योगिक परियोजनाओं में प्रचलित प्रथाओं के अनुसार 30 प्रतिशत से अधिक महिला श्रमिकों वाली औद्योगिक इकाइयों को अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता (additional incentive allowance) देने की सिफारिश की थी। हालांकि, वित्त विभाग और मुख्य सचिव ने सरकारी खजाने पर वित्तीय बोझ का हवाला देते हुए इस प्रावधान का विरोध किया।
6) हालाँकि, नई नीति में महिलाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन शामिल हैं। जैसे सभी महिला होटलों को स्थानीय कर से 10 प्रतिशत की छूट, व्यापार कर से 10 प्रतिशत की छूट और महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) में 10 प्रतिशत आरक्षण। महिला प्रधान उद्यमों के लिए भूखंड, आरक्षित वर्ग की महिलाओं को प्राथमिकता।
7) यह कर्मचारी के माता-पिता और पत्नी की मृत्यु के बाद उसकी पेंशन को समान रूप से विभाजित करने की भी सिफारिश करता है।
8) ग्रामीण क्षेत्रों में विवाह के लिए वर-वधू का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना एवं पंजीकरण कराना अनिवार्य है। इसमें खेल, व्यावसायिक, कला और विज्ञान शिक्षा में महिलाओं और लड़कियों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रस्ताव है।
9) स्कूल जाने वाली आदिवासी लड़कियों के बीच ड्रॉपआउट दर को रोकने, इन लड़कियों की शिक्षा तक पहुंच में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
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Tue, Jan 23 , 2024, 12:25 PM