मुंबई: मीठी नदी (Mithi River) में 25 जगहों पर फ्लड गेट (flood gate) बनाए जाएंगे। मनपा फल्ड गेट लगाने पर करीब 1950 करोड़ रुपये (Rs 1950 crore) खर्च करेगी। फ्लड गेट को लगाकर मुंबई को मानसून के दौरान बाढ़ से बचाया जाएगा। मनपा अतिरिक्त आयुक्त पी वेलारासू ने कहा कि मानसून के दौरान मीठी नदी के बाढ़ के पानी को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए यह उपाय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए अगले आठ से दस दिन में टेंडर किया जाएगा। इस काम में साढ़े तीन साल लगेंगे और इसके लिए मीठी नदी के किनारे बनी झोपड़ियों को हटाना होगा। उन्होंने बताया कि मीठी नदी के किनारे बसी सैकड़ों झोपड़ियों का पुनर्वास (Rehabilitation of hundreds of huts) एक प्रश्नचिह्न है जिसको लेकर मनपा की ओर तैयारी की जाने की जानकारी दी।
बता दे कि मुंबई में 2005 में हुई प्रलयकारी बारिश के बाद शहर में हुए जानमाल के नुकसान के बाद मीठी नदी चर्चा में आई।मीठी नदी से ही उस दौरान बड़ा नुकसान हुआ था। मीठी नदी का विकास ब्रीम स्टोवेड परियोजना में किया जा रहा था जिस पर हजारो करोड़ खर्च भी हो गए। मनपा ने 2019 में मीठी नदी कायाकल्प परियोजना शुरू की। मीठी नदी सर जल निकासी की क्षमता बढ़ाने उसे गहरा करने के लिए जापानी तकनीक का उपयोग कर उसका प्रवाह बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। मीठी नदी के किनारे कृत्रिम तालाब और आर्द्रभूमि बनाने का काम किया जाना है जिससे मीठी नदी बारह महीने नदी निरंतर बहती रहे। इतना ही नहीं मीठी नदी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मनपा ने एक सलाहकार नियुक्त किया था। सलाहकारों ने अल्प और दीर्घकालीन सुझाव सुझाव है।सलाहकारों ने ने चार चरणों में कुछ काम सुझाए हैं।जिसमे तीसरे चरण के तहत 18 किमी लंबी मीठी नदी में 25 स्थानों पर बाढ़ से बचने के लिए फ्लड गेट लगाने का सुझाव दिया है।इस प्रोजेक्ट का नाम मीठी रिवर थ्री वर्टिकल गेट पंप है और इस प्रोजेक्ट के तहत पानी पंप करने के लिए 74 पंप लगाए जाएंगे. इस पूरे कार्य का बजट तैयार कर लिया गया है और विभिन्न टैक्स को छोड़कर इस कार्य की कुल लागत 1950 करोड़ रुपये होगी। इस तरह की जानकारी अतिरिक्त आयुक्त वेलारासू ने दी। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए जल्द ही निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। मीठी नदी विहार तालाब से माहिम खाड़ी तक फैली हुई है और यह नदी अंधेरी, कुर्ला, बांद्रा के इलाकों से होकर बहती है। फ्लडगेट के माध्यम से पानी को रोका तो जाएगा ही साथ ही दूषित पानी पर प्रक्रिया करने में भी उपयोगी होगा। पैकेज तीन के तहत मीठी नदी के तट पर (प्रोमेनेड) सीएसटी रोड कुर्ला से माहिम कॉजवे के बीच सुरक्षा दीवार और सर्विस रोड का निर्माण किया जाएगा।प्रोमेनेड मरीन लाइन की तर्ज पर तैयार जाएगा। सीवेज को रोकने के लिए इंटरसेप्टर गेट पंप की स्थापना और नदी की सफाई की सफाई के लिए मशीन लाने के लिए सड़कों का निर्माण किया जाएगा । फ्लड गेट लगाने से तीन फायदे होंगे। भारी बारिश के दौरान मीठी नदी का पानी शहर में घुसता है और बाढ़ आती है, उसे रोका जा सकेगा. साथ ही किनारे के घरों और फैक्ट्रियों से निकलने वाले गंदे पानी को मीठी नदी में जाने से रोका जाएगा। मीठी नदी पर आने जाने के लिए सड़क का निर्माण जाएगा।
मीठी नदी की कुल लंबाई 17.84 किमी है, जिसमें से 11.84 किमी मनपा क्षेत्र में है और 6 किमी मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MMRDA) के अधिकार क्षेत्र में है। 2005 से मीठी नदी के सौंदर्यीकरण और विकास के लिए 1150 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके है । लेकिन फिर भी मीठी नदी को साफ नहीं किया जा सका है। नदी में आज भी सीवरेज का पानी और आस पास के इलाको की कंपनियों का केमिकल का पानी बेरोकटोक छोड़ा जा रहा है। अब बाढ़ से बचने के लिए और मीठी नदी को सुंदर बनाने में करीब 2000 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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Sun, Jan 21 , 2024, 08:52 AM