मुंबई : आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने दहिसर और मुलुंड (Dahisar and Mulund) में बने जंबो कोविड केंद्रों में कथित अनियमितताओं के संबंध में ताड़देव पुलिस स्टेशन (Tardeo Police Station) में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। ईओडब्ल्यू (EOW) के एक अधिकारी ने कहा कि फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारी के आधार पर 37 करोड़ रुपये का गबन किया गया और ओक्स मैनेजमेंट कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड के ठेकेदार राहुल गोम्स और महानगर पालिका के तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में ईओडब्ल्यू की असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर शिल्पा ठेंगे ने शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के अनुसार, मेसर्स ओक्स मैनेजमेंट कंसल्टेंसी प्रा. लिमिटेड के निदेशक राहुल गोम्स ने दहिसर और मुलुंड में जंबो कोरोना केंद्र (Jumbo Corona Center) स्थापित किए।
सूत्रों ने बताया कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पूरी धांधली 1 अक्टूबर 2020 से 1 अगस्त 2022 के बीच साजिश रचकर की गई। एपीआई ठेंगे द्वारा दी गई शिकायत के अनुसार, गोम्स ने जुलाई 2020 और अक्टूबर 2020 के बीच कोविड सेंटर बनाने के बाद बीएमसी से भुगतान लिया था। इन कोविड सेंटरों को बीएमसी को हस्तांतरित किया जाना था, लेकिन बीएमसी अधिकारियों ने मुलुंड और के कोविड सेंटरों को जारी रखने की जिम्मेदारी दे दी। यह जानकारी गोम्स को मौखिक तौर पर दी गई।
इसे बीएमसी को हस्तांतरित करने के बाद किराया मांगने के लिए बेईमानी से गलत जानकारी बीएमसी को सौंपी गई। बीएमसी के संबंधित अधिकारियों ने ठेकेदारों और विक्रेताओं के साथ साजिश रची और इस पूरे कदाचार को अंजाम दिया। बीएमसी अधिकारियों ने अपने अधिकार का दुरुपयोग किया और जानबूझकर गलत भुगतान स्वीकृत किया। इसके बदले में ठेकेदार को 37 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। शिकायत में कहा गया कि इससे सरकार को नुकसान हुआ।
इस मामले में ठेकेदार राहुल गोम्स (Rahul Gomes) और उनके विक्रेताओं, मुंबई महानगर पालिका के तत्कालीन संबंधित अधिकारियों के खिलाफ साजिश, फर्जी दस्तावेज तैयार करना, उनका दुरुपयोग करना, धोखाधड़ी जैसी विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। कोविड काल में हुए घोटालों पर ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई यह छठी एफआईआर है। इससे पहले लाइफ लाइन हॉस्पिटल, बॉडी बैग घोटाला, ऑक्सीजन बैग घोटाला, खिचड़ी घोटाला और रेमडेसिविर घोटाले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राहुल गोम्स को दिए गए कॉन्ट्रैक्ट का सत्यापन भी किया। गोम्स की कंपनी ने कोविड अस्पतालों में बेड, पंखे, टेंट और अन्य सुविधाएं मुहैया कराईं। जब ईडी को धांधली की जानकारी मिली तो उन्होंने इससे जुड़े दस्तावेज मुंबई पुलिस को दिए। उन्हीं दस्तावेजों के आधार पर ईओडब्ल्यू ने इस मामले की प्रारंभिक जांच शुरू की थी। शुरुआती जांच में मिले सबूतों के आधार पर बुधवार को इस मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली गई है।
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Thu, Jan 04 , 2024, 09:16 AM