मुंबई से बाहर नहीं जाएगा महानंद, अस्तित्व बचाए रखने के लिए एनडीडीबी को प्रबंधन सौंपने का निर्णय

Wed, Jan 03 , 2024, 08:32 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

दूध संकलन क्षमता 9 लाख लीटर से गिरकर 60 हजार लीटर
मुंबई।
घाटे में चल रहे सहकारी उपक्रम महानंद को केंद्र की तरफ से संचालित राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) को सौंपे जाने की खबरों से विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया। कांग्रेस और शिवसेना ठाकरे गुट ने आरोप लगाया कि महानंद को गुजरात ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि राज्य के राजस्व और डेयरी विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल (Radhakrishna Vikhe Patil) ने कहा कि महानंद (Mahanand) मुंबई से बाहर नहीं जाएगा।
विखे पाटिल ने कहा कि महानंद ने एनडीडीबी को प्रबंधन सौंपने का प्रस्ताव पारित किया है, लेकिन महानंद दूध संघ मुंबई और महाराष्ट्र में ही रहेगा। एनडीडीबी एक शीर्ष संस्था है, यह किसी विशेष राज्य की संस्था नहीं है। महानंद की आर्थिक स्थिति खराब है। दूध संकलन क्षमता 9 लाख लीटर से गिरकर 60 हजार लीटर तक जा पहुंची है। ऐसे में महानंद के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए एनडीडीबी को प्रबंधन सौंपने का निर्णय लिया गया। इसके जरिए महानंद का पुनर्रचना की जाएगी।
महाराष्ट्र सहकारी दूध महासंघ मर्यादित अर्थात महानंद का हस्तांतरण एनडीडीबी को करने के लिए निदेशक मंडल ने मंजूरी दे दी है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार और एनडीबीबी ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि महानंद में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) स्वीकार करने वाले 530 कर्मचारियों का बकाया 150 करोड़ रुपए कौन चुकाएगा? ऐसे में महानंद को एनडीडीबी को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया अटक सकती है। विखे पाटिल ने कहा कि हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी रखने के लिए एनडीडीबी और महानंद के निदेशक मंडल की संयुक्त बैठक होगी। इसके बाद ही हस्तांतरण को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी।
फिलहाल महानंद में 850 कर्मचारी हैं। पिछले साल यह संख्या 940 थी। एनडीडीबी ने कहा था कि इसमें से 450 कर्मचारियों को बरकरार रखा जाएगा, लेकिन अब एनडीडीबी 300 कर्मचारियों को समायोजित करने पर सहमत हो गया है। करीब 530 कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया है। इन कर्मचारियों के बकाये की रकम करीब 150 करोड़ रुपए है, लेकिन समझा जाता है कि एनडीडीबी यह बोझ उठाने को तैयार नहीं है, इसलिए एक विकल्प यह आया है कि राज्य सरकार 50 फीसदी सब्सिडी और 50 फीसदी लोन दे। विखे पाटिल ने बताया कि कर्मचारियों के भुगतान को लेकर जल्द ही कोई रास्ता निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले जलगांव जिला दूध संघ को एनडीडीबी ने चलाने के लिए लिया था। दस साल के बाद यह दूध संघ फायदे में आया तो इसे फिर से निदेशक मंडल के पास हस्तांतरित कर दिया गया। महानंद का संचालन इसी तर्ज पर किया जाएगा। एनडीडीबी केंद्र सरकार का एक शीर्ष निकाय है, किसी विशेष राज्य का निकाय नहीं, इसलिए इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है कि महानंद संघ का गुजरात ने अपहरण कर लिया है।  
महानंद को गुजरात ले जाने के प्रयास
उधर ठाकरे गुट के सांसद संजय राऊत ने कहा कि कि महानंद डेयरी कभी राज्य की शान थी, लेकिन अब डेयरी को गुजरात ले जाने के प्रयास जारी है। उन्होंने सवाल किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों को यह घोटाला नजर नहीं आता। इस तरह हर दिन महाराष्ट्र से कोई न कोई कारोबार निकालकर गुजरात ले जाया जा रहा है और वे अपना मुंह बंद करके बैठे हुए हैं। वे अपनी आंखों के सामने महाराष्ट्र को लुटते हुए देख रहे हैं। किसान, मजदूर, डेयरी सहकारी समितियां जो महाराष्ट्र में लोगों को रोजगार देती हैं…वे सब कुछ वहां (गुजरात) ले जा रहे हैं। सरकार खुली आंखों से महाराष्ट्र का अपमान देख रही है। अगर महानंद को छीनने का प्रयास किया गया तो शिवसेना (यूबीटी) आराम से नहीं बैठेगी। वहीं महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने आरोप लगाया कि गुजरात लॉबी के माध्यम से महाराष्ट्र में लूट जारी है। महानंद को भी गुजरात के हवाले करने की तैयारी है। गुजरात के ‘अमूल’ के लिए महानंद की बलि दी जा रही है। राज्य की महत्वपूर्ण परियोजनाओं को गुजरात की ओर मोड़ा जा रहा है। शिंदे सरकार गोलमोल जवाब देकर गुमराह कर रही है कि महानंद गुजरात नहीं  जाएगा हैं।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups