Best Bus : बेस्ट को चाहिए तीन हजार करोड़, मनपा ने दिए 500 करोड़

Tue, Jan 02 , 2024, 07:32 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई। कर्ज के बोझ से दबती जा रही बेस्ट को कर्ज से उबरने के लिए 3 हजार करोड़ (three thousand crores) की जरूरत है। बेस्ट उपक्रम ने मनपा को  बजट के माध्यम से तीन हजार करोड़ देने की गुहार लगाई थी। मनपा प्रशासन ने बेस्ट को मात्र 500 करोड़ रुपया ही मंजूर किया है ।चालू आर्थिक वर्ष में मनपा ने बेस्ट को पहले 800 करोड़ रुपया दिया था। अब मनपा ने 500 करोड़ (500 crores) और दिया जरूर है लेकिन  पैसा समय पर नहीं मिलने से बेस्ट का घाटा खत्म नहीं हो पा रहा है और बेस्ट का प्रोजेक्ट भी अधूरा रह जा रहा है जिससे बेस्ट को भी अनुदान का फायदा नहीं मिल पा रहा है।

घाटे में चल रही बेस्ट की आर्थिक स्थिति सुधरने का नाम ही नही ले रही है। मनपा प्रशासन ने वर्ष 2023 24 इस आर्थिक वर्ष में बीत को 800करोड़ की आर्थिक सहायता की थी।मनपा ने वर्ष 2022 23 में भी 1382 करोड़ का अनुदान दिया गया था।इस बीच बेस्ट उपक्रम ने वर्ष 2024 25 के बजट में बेस्ट को लगभग ढाई हजार करोड़ का घाटा रहने का अनुमानित बजट दिया है।बेस्ट ने मनपा से घाटे से उबरने के लिए 3 हजार करोड़ की मांग रखी है । मनपा ने पिछले साल दिए  800 करोड़ के अनुदान में और 500 करोड़ और देना मंजूर किया है । बेस्ट को 500 करोड़ देने के बावजूद बेस्ट घाटे से उबर पाए क्या ऐसा सवाल खड़ा किया जा रहा है।

बेस्ट हर महीने लगभग डेढ़ सौ से दो सौ करोड़ के घाटे में जा रही है। बढ़ता खर्च और घटती कमाई से बेस्ट का घाटा बढ़ता ही जा रहा है। बस की संख्या और घटने से और घाटा बढ़ रहा है। आर्थिक वर्ष खत्म होने के बाद बेस्ट लगभग ढाई हजार से तीन हजार करोड़ के घाटे में चली जाएगी। बेस्ट का संचित घाटा 8 हजार करोड़ पहुंच जाएगा यदि व्याज का भुगतान और बेस्ट में बसों की संख्या बढ़ाने सेवा निवृत्ति  हुए कर्मचारी का बकाया देना और टाटा कंपनी का बिजली बिल देने पर जोर दिया गया तो।बेस्ट की आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है।मनपा पिछले चार पांच साल से बेस्ट को कुछ अनुदान दे रही है जिससे बेस्ट  कुछ हद तक चल पा रही है लेकिन इसी तरह चलता रहा तो बेस्ट का पहिया मनपा से पूर्ण रूप से अनुदान न मिलने पर पंचर हो जाएगा और बेस्ट निजी संस्थाओं के हाथ में चली जाएगी। यह चिंता बेस्ट के कर्मचारियों में लगी है ।बेस्ट को मनपा ने पिछले साल 1382 करोड़ का कुल अनुदान दिया था इस साल भी 1300 करोड़ का अनुदान हो जाएगा । मनपा ने पहले 800 करोड़ दिया था अब और  500 करोड़ रुपए  देने की अनुमति मनपा आयुक्त ने दे दी है । घाटे में डूबती बेस्ट को बचाने के लिए मनपा ने विलीन करने की मांग कर्मचारियों की ओर से की जा रही है लेकिन डूबती बेस्ट को मनपा भी अपना बोझा नही बनाना चाह रही है। मनपा प्रशासन का कहना है कि बेस्ट को खुद अपने पैरो पर खड़ा होने के लिए कुछ उपाय योजना करनी चाहिए।

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