मुंबई: केंद्र सरकार (central government) के खिलाफ ट्रक-टैंकर ड्राइवरों(truck-tanker drivers) द्वारा बुलाई गई हड़ताल का (strike called) असर अब पूरे राज्य में देखने को मिल रहा है। इससे राज्य में ईंधन आपूर्ति बाधित हो गयी है। इसका नतीजा मुंबई में भी देखने को मिला है। बृहन्मुंबई नगर निगम (Brihanmumbai Municipal Corporation) क्षेत्र के 210 पंपों में से आधे बंद होने लगे हैं। पेट्रोल पंप ओनर्स एसोसिएशन (Owners Association) ने जानकारी दी है कि अगर रात तक सप्लाई शुरू नहीं हुई तो सभी पंप बंद कर दिये जायेंगे।
12 जिलों में ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई
सोमवार को तीनों कंपनियों का एक भी टैंकर ईंधन लेकर नहीं जा सका, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा पारित नए सड़क दुर्घटना सुरक्षा अधिनियम (Road Accident Safety Act) को दमनकारी और अनुचित बताते हुए मनमा के पास नागापुर इलाके के पनवाड़ी में तेल कंपनियों के ड्राइवर हड़ताल पर चले गए। इस हड़ताल के कारण मनमाड इलाके के तेल संयंत्र से राज्य के 12 जिलों को ईंधन की आपूर्ति रोक दी गई है, जिससे ईंधन की कमी का संकट पैदा हो गया है।
टैंकर चालकों का कहना है कि केंद्र के नए कानून के मुताबिक, अगर ईंधन टैंकर या ट्रक से कोई दुर्घटना होती है और चालक दुर्घटनास्थल से भाग जाता है, तो चालक को 10 साल की कैद और बिना जमानत के 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। टैंकर चालकों ने इसका कड़ा विरोध जताया है और इस कानून को वापस लेने के लिए टैंकर चालकों ने सोमवार सुबह हथियार उठा लिया। टैंकर मालिकों ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया। इसके चलते राज्य के बारह जिलों में तीन कंपनियों हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन पनेवाडी, नागापुर से प्रतिदिन करीब डेढ़ हजार टैंकर भरे जाते हैं।
सोमवार को रोजाना की तरह तीनों कंपनियों में ईंधन टैंकर भरने का काम शुरू होने से पहले चालकों ने पिछले दिन से ईंधन भरवाने आए टैंकर चालकों को टैंकर भरकर कंपनी से रवाना किया। मात्र पांच-छह टैंकर भरने के बाद इन टैंकर चालकों ने अचानक काम बंद करने का आह्वान कर दिया। केंद्र सरकार और मोदी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्होंने स्टैंड लिया कि किसी भी कंपनी का एक भी टैंकर नहीं भरने दिया जाएगा। हड़ताल में टैंकर एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी व सदस्य शामिल हुए।
कंपनी प्रशासन के प्रयास
कंपनी प्रबंधन ने टैंकर चालकों से बार-बार हड़ताल वापस लेने का अनुरोध किया। बीपीसीएल के मुख्य प्रबंधक प्रशांत खड़गे ने भी टैंकर चालकों और मालिकों से चर्चा की। उनके साथ टैंकर मालिक नाना पाटिल, संजय पांडे, मुकेश लालवानी, फंटू लालवानी, टैंकर चालक अनिल पगार, अनिल पवार, कैलास टेमगिरे आदि ने चर्चा में भाग लिया. लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इसी तरह की बैठकें इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम में अधिकारी मीना, बर्मन ने भी कीं। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे हड़ताल तभी खत्म करेंगे जब केंद्र कानून वापस ले लेगा। नतीजा यह हुआ कि प्रतिदिन डेढ़ हजार टैंकर भरने वाली तेल कंपनियों के पहले पांच-छह टैंकरों को छोड़कर एक भी टैंकर नहीं बचा।
75 लाख लीटर ईंधन बंद हो गया
मनमाड के पास स्थित तीन महत्वपूर्ण ईंधन कंपनियों से हर दिन हजारों टैंकरों में 75 लाख लीटर पेट्रोल और डीजल राज्य भर में पहुंचाया जाता है। माह के अंत में तीनों कंपनियों से 1200 से 1500 टैंकर भरते हैं।
ये जिले हैं प्रभावित
नासिक, धुले, जलगांव, अहमदनगर, अकोला, बुलढाणा, नंदुरबार, बीड, औरंगाबाद, जालना, परभणी और नांदेड़।
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Tue, Jan 02 , 2024, 02:10 AM