property tax: मुंबईकरों पर 15 फीसदी संपत्ति कर वृद्धि का बोझ, मनपा ने बढ़ी हुई दर से बिल भेजने का किया  शुरुआत

Fri, Dec 29 , 2023, 08:26 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई।  कोरोना संकट से उबरने के बाद आर्थिक रूप से पटरी पर लौटने की कोशिश में लगे मुंबईकरों को मनपा ने झटका देने का काम कर दिया है। मनपा ने प्रॉपर्टी टैक्स (property tax) का बिल अब लगभग 6 महीने देरी से भेजने की शुरुआत की है।  मनपा ने 2020 में नया रेडी रेकनर दर जिसे कोरोना के चलते नहीं लागू कर पाई थी उसे अब लागू कर बढ़ा हुआ बिल भेजने की शुरुआत कर दी है। समें प्रॉपर्टी टैक्स 10 से 15 फीसदी बढ़ जाएगा।  जिसका भार आम मुंबईकरों पर पड़ेगा।  मनपा 500 वर्गफुट से नीचे के घरो को प्रॉपर्टी टैक्स से छूट दे दी है।  मनपा अब 500 से ऊपर की संपत्ति धारकों को बिल भेजने की शुरुआत की
है। मनपा अधिनियम के अनुसार हर पांच साल में रेडी रेकनर (ready reckoner) के अनुसार प्रॉपर्टी टैक्स (property tax) की दर निश्चित की जाती है। मनपा ने 2020 में कोरोना के चलते यह दर लागू नहीं कर पाई थी। मनपा  ने 2023-2024 में अब भेजे जा रहे बिल में नई दर के अनुसार बिल भेजने शुरू कर दिया हैं। मुंबईकर इस मूल्य वृद्धि का कड़ा विरोध कर सकते हैं।मुंबई में हर पांच साल में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाया जाता है। 2015 में प्रॉपर्टी टैक्स बढ़ाया गया था। मूल्य वृद्धि पुनर्गणना के अनुसार होगी - अगले दो साल 2023-24 और 2025 के लिए टैक्स बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. इसका मसौदा मनपा प्रशासन ने प्रॉपर्टी टैक्स विभाग ने निर्धारित किया है।

- म्युनिसिपल एक्ट में हर पांच साल में 40 फीसदी टैक्स बढ़ोतरी का प्रावधान है। लेकिन नागरिकों पर अधिक बोझ न पड़े इसके लिए आम तौर पर 15 फीसदी की बढ़ोतरी की जाती है. 
- प्रॉपर्टी टैक्स विभाग के मुताबिक प्रॉपर्टी टैक्स में बढ़ोतरी उस क्षेत्र के रेडी रेकनर रेट के हिसाब से तय की जाती है।
कांग्रेस नेता आसिफ झकारिया ने आरोप लगाया कि मनपा ने गलत तरीके से वसूले प्रॉपर्टी टैक्स को नियम में  कानूनी बदलाव करने का निर्देश दिया था। मनपा ने कोर्ट के आदेशों का अनदेखी करते हुए गलत तरीके से लोगों पर बोझा डालने का काम किया है। उन्होंने मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल को पत्र लिखकर मनपा से गलत तरीके से वसूले जाने वाले प्रॉपर्टी टैक्स पर पुनर्विचार करने की मांग की है।

मनपा  का कहना है
- न्यायालय के निर्देशानुसार पूंजी मूल्य निर्धारण नियम 2010 (Capital Pricing Rules 2010) एवं 2015 के नियम क्रमांक 20, 21 एवं 22 को निरस्त कर दिया गया है। उक्त आदेश सुरक्षात्मक आधार पर जारी किया गया है और पूर्वव्यापी प्रभाव से संपत्तियों का मूल्यांकन/पुनर्मूल्यांकन करने और तदनुसार कर एकत्र करने का अधिकार सुरक्षित रखा जा रहा है।  मनपा ने उपभोक्ता के ऑनलाइन बिल में इस तरह का उल्लेख किया है।
 
इस तरह है प्रॉपर्टी धारक
संपत्ति मालिक  : 4 लाख 20 हजार
आवासीय : 1 लाख 37 हजार
व्यावसायिक : 65 हजार से ज्यादा
औद्योगिक: छह हजार
जमीन व अन्य : 12 हजार

6 हजार करोड़ की होगी प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली
- मनपा  ने वर्ष 2010 से पूंजीगत मूल्य आधारित कर प्रणाली अपनाई है ।
- वर्ष 2023-24 में संपत्ति कर से 6 हजार करोड़ अनुमानित आय होने की संभावना जताई है।

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