० शरद पवार- उद्धव ठाकरे के पाप का बोझ हम नहीं उठाएंगे
० राज्य में अशांति फैलाने की कोशिश करने वाले होंगे बेनकाब
महानगर संवाददाता
मुंबई। शरद पवार के आशीर्वाद और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के हस्ताक्षर वाले ठेका पद्धति से भर्ती से पाप का बोझ हम नहीं उठाएंगे, लेकिन ये सब करते हुए हमारे खिलाफ आंदोलन करने वालों को शर्म आनी चाहिए। यह बात कहते हुए राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Fadnavis) ने कहा कि हम ठेका पद्धति से भर्ती का उद्धव ठाकरे सरकार का फैसला रद्द कर रहे हैं। वे शुक्रवार को सह्याद्रि गेस्ट हाऊस (Sahyadri Guest House) में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि जो लोग इसके बाद भी युवाओं को भड़का कर महाराष्ट्र में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, वे बेनकाब हो जाएंगे।
वर्ष 2003 से शुरू है ठेका भर्ती
फडणवीस ने कहा कि वर्ष 2003 से राज्य में ठेका भर्ती शुरू है। वर्ष 2003 में जब सुशील कुमार शिंदे (Sushil Kumar Shinde) मुख्यमंत्री थे, तब सर्व शिक्षा अभियान, अशोक चव्हाण के मुख्यमंत्री रहते हुए लोक निर्माण विभाग में ड्राइवरों, डेटा एंट्री ऑपरेटरों, तकनीकी पदों, क्लर्कों, कांस्टेबलों के लिए 400 पदों पर भर्ती की गई। उन्हीं के मुख्यमंत्री काल में स्कूली शिक्षा विभाग और खेल विभाग, 2010 से ड्राइवर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, लेखा लिपिक, सिपाही, रिसोर्स पर्सन, प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर, स्पेशल टीचर, मोबाइल टीचर के 6 हजार पद, पृथ्वीराज चव्हाण के मुख्यमंत्री काल में 2011 में 405 एमआईएस कोऑर्डिनेटर, 405 डेटा एंट्री ऑपरेटर 2156 एकाउंटेंट और सहायक पद, 2011 में राजीव गांधी जीवनदायी योजना में संविदा पद, 2013 में सामाजिक न्याय विभाग में समतादूत, स्वीपर, क्लर्क, विशेष ड्यूटी अधिकारी, ड्राइवर, कांस्टेबल, तालुका समन्वयक, हॉस्टल गार्ड, प्रोजेक्ट ऑफिसर, कुक इत्यादि पद भरे गए। जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, तब आदिवासी विभाग विभाग में 2020 से 300 पदों पर ठेका भर्ती की गई।
जो दोषी हैं, वे ही मचा रहे हंगामा
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अभी जो विषय शुरू हुआ, वह संपूर्ण प्रक्रिया सितंबर 2021 से शुरू हुई। महाराष्ट्र में ठेका भर्ती के जो दोषी हैं, वे ही हंगामा मचा रहे हैं। आज की ये प्रेस कांफ्रेंस सिर्फ उनके (कांग्रेस, शिवसेना, शरद पवार गुट) के झूठ को बेनकाब करने के लिए बुलाई गई। हम ऐसी कई प्रेस कांफ्रेंस करेंगे और महाराष्ट्र की जनता के सामने सच्ची जानकारी रखेंगे। ठेका भर्ती का 100 फीसदी पाप उबाठा (उद्धव बाला साहेब ठाकरे), कांग्रेस और शरद पवार का है। अब उन्हें महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए, अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो हम उन्हें जनता के सामने बेनकाब कर देंगे। फडणवीस (Fadnavis) ने कहा कि हम उनके पाप का बोझ नहीं उठाएंगे।
पुलिस में नहीं होगा ठेका भर्ती
उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस फोर्स को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। मुंबई पुलिस फोर्स में ठेका भर्ती नहीं, नियमित भर्ती शुरू है और 18331 पुलिसकर्मियों को नियमित सेवा में शामिल किया गया है। इसमें मुंबई के लिए 7076 पुलिस कांस्टेबल और 994 ड्राइवर है। नियमित भर्ती के नियुक्त पत्र देने के बाद साल भर प्रशिक्षण में चला जाता है, इस दौरान पुलिस फोर्स को खाली नहीं रखा जा सकता। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार के महाराष्ट्र राज्य सुरक्षा महामंडल से नियमित पुलिसकर्मियों के सेवा में आने तक 3 हजार जवानों के उपयोग करने का निर्णय लिया है। मैंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि पुलिस फोर्स में ठेका भर्ती नहीं होगी, इसके बावजूद गलत प्रचार किया जा रहा है।
ललित पाटिल की जांच क्यों नहीं की गई?
पत्रकारों के सवालों के जवाब में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ललित पाटिल (Lalit Patil) को 10 नवंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था, उस वक्त उद्धव ठाकरे ने उन्हें नाशिक शिवसेना का प्रमुख बनाया था, जिस गंभीर अपराध के लिए उसे गिरफ्तार किया गया था, उसके कारण उसे 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया, लेकिन उसे तुरंत ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया, इसलिए उनकी जांच नहीं की गयी। उसके बाद दोबारा उसकी जांच के लिए कोर्ट में आवेदन नहीं किया गया, इसलिए उसे न्यायिक हिरासत मिल गई और वह ससून में ही रहा। फडणवीस ने सवाल उठाया कि अपराध की जांच क्यों नहीं की गई? इसके लिए किसने दबाव डाला? तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे या गृहमंत्री ने? ऐसी कई बातें है, लेकिन आज यह नहीं बताऊंगा।
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Fri, Oct 20 , 2023, 07:36 AM