महानगर संवाददाता
मुंबई। मराठा समाज को आरक्षण (reservation) दिलाने के लिए राज्य सरकार की तरफ से दायर क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट सहमत हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ (Dhananjay Chandrachud) के याचिका स्वीकार करने से राज्य सरकार के मराठा आरक्षण देने के प्रयासों को बल मिला है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में वकील और वरिष्ठ कानून विशेषज्ञ मनिंदर सिंह ने यह क्यूरेटिव याचिका दायर कर इस पर सुनवाई करने का अनुरोध सुप्रीम कोर्ट से किया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हैं।
मई 2021 में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय खंडपीठ के फैसले की वजह से मराठा आरक्षण ( maratha reservation) रद्द हो गया था। इसी फैसले पर पुनर्विचार के लिए यह क्यूरेटिव याचिका दायर की गई है। राज्य सरकार ने वर्ष 2018 में एसईबीसी अधिनियम के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण दिया था, लेकिन मई 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया। उस समय राज्य सरकार के मराठा समुदाय को शिक्षा और रोजगार में आरक्षण देने का निर्णय रद्द हो गया। मराठा समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़े होने की बात अदालत में साबित नहीं होने की वजह से यह आरक्षण रद्द कर दिया। लेकिन अब जब सुप्रीम कोर्ट क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है, तो मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाने की राज्य सरकार की कोशिशों को बल मिल गया है।
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Sat, Oct 14 , 2023, 08:28 AM