आरे और नेशनल पार्क में नवरात्रि उत्सव और छठ पूजा की दी जाए अनुमति गोपाल शेट्टी 

Thu, Oct 12 , 2023, 08:58 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

गोपाल शेट्टी ने लगाया हिंदू त्योहारों में बाधा डालने का आरोप 
नदी में विसर्जन, कांवड़ यात्रा के लिए पानी लेने पर भी प्रतिबंध
मुंबई।
  उत्तरी मुंबई के सांसद गोपाल शेट्टी (Gopal Shetty) ने नवरात्रि (Navratri) के दौरान देवी की मूर्तियों का विसर्जन करने और  छठ पूजा करने की आरे और नेशनल पार्क में अनुमति देने की मांग की है। शेट्टी ने मनपा आयुक्त इक़बाल सिंह चहल (Iqbal Singh Chahal) के पास मुंबई का प्रमुख होने के नाते अनुमति देनी की गुहार लगाई है उन्हपने कहा कि वन विभाग के अधिकारी केंद्र सरकार की अनुमर्ती होने के बावजूद अड़ंगा दाल रहे है इस तरह का आरोप लगाया और कहा कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मिलकर अनुमति की गुहार लगाने की जानकारी दी। गोपाल शेट्टी ने कहा देवी की मूर्तिया छोटी होती है और मिट्टी की बनी होती है जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता और छठ पूजा में किसी तरह के पर्यावरण को नुकसान होने वाला कृत्य भी नहीं किया जाता महिलाएं सूर्य भगवान की अर्घ देकर पूजा करती है। उन्होंने कहा  गणपति विसर्जन की अनुमति नहीं दे रहे हैं तो कम से कम नवरात्रि के दौरान तो अनुमति दें। शेट्टी ने आरोप लगाया कि सरकारी अधिकारियों ने अपने अहंकार के लिए यह प्रतिबंध लगाया है।  
गोपाल शेट्टी ने आरोप लगाया की अधिकारी केंद्र सरकार के नियमों के खिलाफ काम कर रहे।  पिछले कई वर्षों से नेशनल पार्क, आरे कालोनी में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन हो रहा था । वर्ष 2016 से ही दुग्धविकास अधिकारी झूठी खबरें फैला कर कथित पर्यावरणविदों की मांग पर हिंदू त्योहारों में बाधा डाल रहे हैं।इस तरह का आरोप भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी ने पत्रकार परिषद में लगाते हुए कहा  कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2020 में संशोधित गाइड लाइन जारी कर कहा है कि नदियों और तालाबों में बड़ी और पीएपी की प्रतिमाओं को छोड़ कर मिट़टी की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जा सकता है। लेकिन दुग्ध विकास अधिकारी तुकाराम मुंढे और आरे सीओ बालासाहेब वाघचौरे बिना कारण विसर्जन में व्यवधान डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक अधिकारी ने वर्ष 2008 में कहा था कि नेशनल पार्क की नदी में एक मगरमच्छ आया था। उसके बाद सुरक्षा का भय दिखा कर नदी में गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन, देवी मूर्तियों का विसर्जन,छठ पूजा यहां तक कि नदी से कांवड़ यात्रा के लिए पानी लेने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। किस अधिकारी ने मगरमच्छ देखा? उसका कोई ब्योरा नहीं है। मगरमच्छ देखे जाने के आधार पर कोर्ट से आदेश लाया गया। शेट्टी ने कहा कि कांवड यात्रा के लिए लोग नदी से पानी भरते थे। अब वहां मनपा टैंकर खड़ा कर उससे पानी देती है। यह हिंदू धर्मावलंबियों का अपमान हैं जिसे सहन नहीं किया जा सकता। केंद्र सरकार के नियम का प्रशासनिक अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं। इस बार सुनवाई में मनपा ने कोई विरोध नहीं किया। बताया गया कि राज्य सरकार ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। इसलिए अनुमति नहीं दी जा सकती। आरे में तालाब के चारों तरफ सांसद गजानन कीर्तिकर ने लाखों रुपए का फंड लगा कर उसका विकास किया था। लेकिन अब वहां खेलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने कहा हमने इस संदर्भ में सरकार को पत्र लिखा है। इस वर्ष तो विसर्जन नहीं हो, सका कम से कम अगले वर्ष से इसकी अनुमति दी जानी चाहिए।

मैं हिंदू हूं, प्रतिनिधित्व छोड़ दूंगा लेकिन धर्म नहीं...
गोपाल शेट्टी ने कहा कि गाड़ियों में कृत्रिम तालाब में मूर्तियों का विसर्जन (immersion of idols) किया जाना।  ट्रैंकर से पानी से कावड़ यात्रा करने वालो को पानी की आपूर्ति किया जाना।  छठ पूजा के लिए महिलाओ को  अर्घ्य देने की अनुमति नहीं देना  है यह हिन्दू त्योहारों के साथ जानबूझकर अड़ंगा लगाया जा रहा है। अधिकारियों पर रोष व्यक्त करते हुए  कहा की मैं एक हिंदू हूं और मुझे हिंदू रीति-रिवाजों और परंपराओं पर गर्व है । उन्होंने यह भी कहा कि मैं जनता का प्रतिनिधि होते हुए भी एक बार जनता का प्रतिनिधित्व छोड़ दूंगा लेकिन धर्म नहीं छोड़ूंगा .. 

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