मनपा दोबारा मासटिक से गढ्ढे भरने के लिए निकाली निविदा
मुंबई मनपा प्रशासन ने मानसून के दौरान सड़को पर बनने वाले गढ्ढों को भरने के लिए दो नई तकनीकी रीएक्टिव अस्फाल्ट (reactive asphalt) और रैपिड हार्डनिंग (rapid hardening) लाई थी। इन दोनो कंपनियों ने दावा किया था कि बारिश के दौरान भी गढ्ढे भरे जा सकेंगे और गढ्ढे भरने के 6 घंटे बाद इस पर से वाहनों का आवागामन शुरू हो सकेगा। बारिश के दौरान सड़क की खस्ता हाल और गढ्ढे नही भरे जाने से मनपा प्रशासन की छिछालेदर होने लगी है। मनपा प्रशासन अब परेशान होकर अपनी पुरानी तकनीकी मासटिक तकनीकी से गढ्ढे भरने का निर्णय लिया है।सड़को पर बने गढ्ढों और मनपा द्वारा मानसून के दौरान नई तकनीकी पर किए जाने वाले प्रयोग को लेकर विपक्षी पार्टियों ने मनपा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।मनपा विरोधी पक्ष नेता रविराजा ने आरोप लगाया कि मनपा अधिकारी हर साल नई कंपनी लाकर खुद की कमाई करते है मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों की मुंबई की जनता की चिंता ही नहीं है ।सबसे बुरा हाल जनता और स्थानीय नेताओं का होता है जिन्हे रोजाना जनता का सुनने के लिए सामने आना पड़ता है।
बता दे कि मनपा प्रशासन ने मानसून पूर्व बड़े ही गाजे बाजे के साथ मानसून के दौरान सड़को पर बनने वाले गढ्ढों को लेकर ठेकेदारों को टेंडर दिया था। मनपा ने 125 करोड़ का ठेका सिर्फ गढ्ढों को भरने के लिए ठेका दिया था। मनपा ने पहली बार गढ्ढे भरने के लिए दो नई तकनीकी लाई थी जिसका नाम है रिएक्टिव अस्फाल्ट और रैपिड हार्डिनिंग। मनपा ने दोनो ही कंपनियों को 125 करोड़ रुपए का ठेका गढ्ढे भरने के लिए दिया था। मनपा ने रिएक्टिव अस्फाल्ट को 45 करोड़ का ठेका दिया था रिएक्टिव अस्फाल्ट आसट्रीया की पेटेंट कंपनी है। जबकि रैपिड हार्डिनिंग 81 करोड़ का ठेका दिया था।
दोनो ही कंपनियों ने दावा किया था कि बारिश के दौरान इस तकनीकी से सड़क पर बने गढ्ढों को भरा जाएगा और मात्र 6 घंटो में सड़क पर वाहनों के यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। अभी एक माह से भी कम दिन हुआ मानसून आए।सड़को पर गढ्ढे ही गढ्ढे बने हुए है। गढ्ढों को लेकर वाहन चालकों की हो रही परेशानी से वाहन चालकों को दो चार होना पड रहा है लेकिन नई तकनीकी से भरे गए गढ्ढे दोबारा उखड जा रहे है जिससे मनपा अधिकारियों का बुरा हाल हो रहा है। मनपा प्रशासन ने मास्टीक तकनीक से गढ्ढों को भरने का निर्णय लिया है।
पुरानी तकनीकी का लिया जा रहा सहारा
36 करोड़ का निकाला टेंडर
मनपा प्रशासन ने अब फिर एक बार पुरानी तकनीकी पर गढ्ढे भरने का निर्णय लिया है। मनपा प्रशासन ने मास्टीक तकनीकी (mastic technical) से भरे जा रहे गढ्ढों पर दोबारा विचार किया है।मनपा प्रशासन ने 36 करोड़ का टेंडर निकाला है। मनपा प्रशासन अब मानसून के दौरान यह टेंडर प्रक्रिया शुरू के है जब सड़क की खस्ता हाल है।टेंडर निकालने और कंपनी के आने तक और काम शुरू होने तक लोगो का बुरा हाल होगा।गढ्ढों में वाहन जाने से दुर्घटना होने की संभावना बनी रहेगी।
मनपा पर हमलावर हुआ विपक्ष
मनपा में विरोधी पक्ष नेता रहे रविराजा ने आरोप लगाया कि मनपा अधिकारी खासकर आई एस अधिकारी मनपा को प्रयोगशाला बना कर रख दिया है। मनपा में नई तकनीकी का प्रयोग कर अधिकारी खुद की कमाई करते है। मुंबई की जनता का अधिकारियो को कुछ नही पड़ी है । सड़को पर बने गढ्ढों से लोगो का बुरा हाल हो रहा है।गढ्ढे जानलेवा बनते जा रहे है लेकिन मनपा अधिकारी प्रयोग करने में जुटे है। रविराजा ने आरोप लगाया कि यह पहली बार नही हुआ है।इन्हे पहले नई तकनीकी की जांच करनी चाहिए फिर उसे ठेका देना चाहिए लेकिन मनपा अधिकारी खुद की कमाई करने के लिए नईं कंपनियों को ठेका दे देते है।भाजपा नेता और मनपा पार्टी नेता विनोद मिश्रा ने कहा कि मनपा अधिकारियो को इस तरह के ठेकेदारों के कामों की गुणवत्ता पहले जांचनी चाहिए । इस तरह के ठेकेदार जो अपनी झूठी जानकारी देकर टेंडर लेते है उन्हे ब्लैक लिस्ट करना चहिए।
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Mon, Jul 24 , 2023, 07:11 AM