मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए गए सुजीत पाटकर और डॉ किशोर बिसुरे को कोविड सेंटर घोटाला (covid center scam) मामले में गिरफ्तार कर विशेष पीएमएलए अदालत में किया गया। अदालत ने दोनों को 27 जुलाईं तक ईडी के हिरासत में भेज दिया है। बुधवार की रात को इन्हें गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने अदालत में बताया कि दोनों के खिलाफ ऐसे सबूत हैं जो बताते हैं कि कोविड सेंटर में घोटाला हुआ है। इसीलिए दोनों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं पाटकर के वकील ने महज फसाये जाने का आरोप लगाया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कोरोना महामारी के दौरान बनाये गए कोविड सेंटर में हुए कथित घोटाले के मामले में ईडी ने यूबीटी सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) के करीबी माने जानेवाले सुजीत पाटकर और डॉ किशोर बिसुरे को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। भाजपा नेता किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) ने आरोप लगाया था कि कोविड सेंटर में कथित तौर पर घोटाला हुआ है। जिसमें अयोग्य लोगों को कोविड सेंटर के मैनेजमेंट का ठेका दिया गया। इसके अलावा जिस कंपनी को ठेका दिया गया था इसे किसी भी प्रकार का अनुभव नहीं था। कोविड के पहले ही इस कंपनी को बनाया गया था। दहिसर और वर्ली के कोविड सेंटर घोटाला मामले में शिकायत की गई थी।
झूठे बिल बनाकर आर्थिक घोटाले का आरोप
आरोपी पाटकर और डॉ किशोर को जब अदालत में पेश किया गया तब ईडी की वकील कविता पाटिल ने अदालत से कहा कि पाटकर ने नकली बिल के आधार पर पैसे महानगर पालिका से प्राप्त किया इसके अलावा बिल को बिना चेक किये ही डॉक्टर ने पास कर दिया। जिसके बाद अदालत से दोनों आरोपियों के आठ दिन के कस्टडी की मांग की गई। जिसके बाद पाटकर के वकील सुभाष झा ने अदालत को बताया कि लाइफलाइन के चार संचालक हैं सिर्फ एक को ही गिरफ्तार किया गया है यह सब जान बूझकर किया जा रहा है। इसके अलावा पाटकर को कई बीमारी भी है। उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाए। इसपर न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने दोनों आरोपियों को 27 जुलाईं तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
कोरोना मरीजों की जान खतरे में डाला
अदालत में ईडी के वकील ने बताया कि लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विस बीएमसी के साथ मिलकर काम कर रहा था। इसमें 50 से 60 प्रतिशत तक फर्जी स्टाफ बताए गए थे। जिनके नाम पर पैसा भी लिया गया है। यह बिना किसी बीएमसी के अधिकारी के मिले नहीं हो सकता है। जिसकी वजह से कोविड सेंटर में भर्ती हुए कई लोगों की जान को जोखिम में डालकर सरकारी फंड का दुरुपयोग किया गया।
अटेंडेंस शीट में छेड़छाड़
ईडी ने अदालत के सामने जो तथ्य रखा है उसमें कहा गया है कि पाटकर की कंपनी लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विस ने दूसरे पार्टनरों के साथ मिलकर बीएमसी अधिकारियों के साथ मिलकर टेंडर हांसिल किया। इसके अलावा वहां मौजूद रहनेवाले स्टाफ के अटेंडेंस शीट से भी छेड़छाड़ की गई है। जिसका बिल लगाकर भी पैसा लिया गया है। इसका फायदा अधिकारियों को भी हुआ है। इसलिए गिरफ्तारी हुई है।
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Thu, Jul 20 , 2023, 07:02 AM