मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों में पड़े बिना दावे वाले डिपॉजिट्स के उत्तराधिकारी को ढूंढने के लिए कैंपेन शुरू किया है। आरबीआई ने बैंकों के लिए ‘100 Days 100 Pays’ कैंपने की घोषणा की है ताकि देश के प्रत्येक जिले में 100 दिनों के भीतर बैंक के टॉप 100 अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स रकम का पता लगाया जा सके और उसका निपटान किया जा सके।
केंद्रीय बैंक 10 साल से अधिक समय तक अनक्लेम्ड वाले डिपॉजिट लौटाने की मुहिम शुरू करेगी। मैच्योरिटी के 10 साल बाद तक रकम का कोई वारिस नहीं तो रकम अनक्लेम्ड मानकर अलग खाते में चली जाती है।
नया नियम : आरबीआई के गाइडलाइन के मुताबिक सेविंग और करंट अकाउंट में 10 वर्षों से बिना ऑपरेट किए रकम बची हुई है या मैच्योरिटी की तारीख से 10 साल के भीतर किसी ने दावा नहीं किया तो उसे अनक्लेम्ड डिपॉजिट के रूप में माना जाएगा।
35,000 करोड़ का कोई वारिस नहीं :
35,000 करोड़ रुपए की राशि रिजर्व बैंक को ट्रांसफर की थी। यह राशि वैसे खातों में जमा थी। इनमें 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ। बिना दावे वाली राशि 10.24 करोड़ खाते से जुड़ी थी। रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीने कहा था कि 3-4 महीने में इससे संबंधित एक सेंट्रलाइज्ड पोर्टल तैयार किया जाएगा। इससे जमाकर्ता और लाभार्थी अलग-अलग बैंकों में पड़ी बिना दावे वाली जमा राशि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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Sat, May 20 , 2023, 08:50 AM