मुंबई। राज्य में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और भाजपा की सरकार आने के बाद से बार बार उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और उनके नेता चुनाव में आने का न्यौता दे रहे है कि जनता के साथ विश्वास घात कर सरकार बनाई है और खुद ही अंडगा डालते जा रहे है। मुंबई मनपा चुनाव को लेकर सीट की संख्या बढ़ाने के मुद्दे पर मुंबई हाई कोर्ट में मुंह की खाने के बाद उद्धव सेना सुप्रीम कोर्ट चली गई है। उद्धव सेना के सुप्रीम कोर्ट में जाने से अब फिर एक बार मुंबई मनपा का चुनाव टल गया है। मुंबई मनपा उद्धव शिवसेना का गढ़ रहा है बावजूद इसके कोर्ट में जाकर चुनाव कराने में अडंगा डालने का काम किया जा रहा है जो कि उनके इस कृत्य से लोगो के गले नही उतर रहा कि शिवसेना चुनाव कराना चाहती भी है कि नही।
बता दे कि मुंबई मनपा जिसका चुनाव पिछले साल फरवरी महीने में हो जाना चाहिए था। पिछले साल जून महीने तक राज्य में महाविकास आघाड़ी (Mahavikas Aghadi) की सरकार थी जिसके मुखिया खुद उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे। बावजूद इसके मुंबई में मनपा की सीट बढ़ाकर चुनाव टाल दिया। जिसके चलते फरवरी में होने वाला चुनाव कभी ओबीसी आरक्षण को लेकर तो कभी बिना जनगणना के बढ़ाई गई मनपा की 9 सीट के कारण कोर्ट में लड़ाई के बीच आगे टलता गया।इसी बीच राज्य में पिछले साल जून महीने में महाविकास आघाड़ी की सरकार का पतन हो गया।राज्य में। एकनाथ शिंदे और भाजपा की सरकार बन गई।युति सरकार ने महाविकस आघाड़ी सरकार के बिना जनगणना कराए वार्डो की बढ़ी संख्या को दोबारा घटा दिया और मुंबई मनपा में वार्डो की संख्या 236 से घटाकर 227 कर दी जो पिछले दो चुनाव में थी। इस बीच सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण का भी रिजल्ट आ गया था। राज्य में बदली सरकार के उठाए कदम का उद्धव सेना ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन अधिवेशन में लिया गया निर्णय को कोर्ट कैसे टाल सकती थी वह भी जिसका कोई सिर पैर के बिना लिया गया निर्णय था। जनगणना 2011 में हुआ था उसके बाद 2012 और 2017 में मनपा चुनाव हुआ था लेकिन उस समय वार्डो की संख्या नही बढ़ाई गई। अब 2022 में बढ़ाने का क्या तुक था यह तो उद्धव सेना ही बता सकती थी। वार्ड की संख्या बढ़ाकर एक काम जरूर हुआ था कि वार्डो की बाउंड्री बड़े पैमाने पर बदल दी गई थी।वार्ड की बदली गई बाउंड्री का महाविकास आघाड़ी में शामिल कांग्रेस भी जमकर विरोध किया था। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप तो पूरी तरह मुख्यमंत्री उद्धव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था इसके बावजूद उद्धव सेना अपने सहयोगी कांग्रेस का कुछ भी सुनने का तैयार नहीं हुई। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद दोबारा 227 किए जाने और जिसे अधिवेशन में मंजूरी दी गई उसका विरोध करते हुए उद्धव सेना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया । हाई कोर्ट ने उनकी गुहार को ठुकराते हुए राज्य के निर्णय को सही ठहराया।अब उद्धव सेना मुंबई हाई कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है जिस पर 18 मई को सुनवाई होनी है।पहली सुनवाई में तो कोई निर्णय आना नही है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट एक माह के लिए अवकाश पर चला जाएगा। मतलब अब बारिश बाद अक्तूबर नवंबर तक चुनाव टल ही गया है उसके पीछे का कारण उधाव सेना ही है। चाहे फरवरी 2022 में चुनाव कराने को लेकर ओबीसी का आंकड़ा सुप्रीम कोर्ट। के सामने न रखना या फिर बिना जनगणना के वार्डो की संख्या बढ़ा देना। अब हाई कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में जाकर उसे चैलेंज करना हो उद्धव सेना ही बार बार चुनाव में अडंगा डाल रही है और खुद ही चुनाव कराने की चुनौती दे रही है। अब जनता को समझना चाहिए की चुनाव में अडंगा कौन अडंगा डाल रहा है।
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Sat, May 13 , 2023, 06:10 AM