विधानसभा अध्यक्ष को उद्धव ठाकरे का अल्टीमेटम 

Fri, May 12 , 2023, 08:01 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

 90 दिनों में दे 16 विधायकों के अयोग्यता का निर्णय, वरना जाएंगे कोर्ट 
मुंबई।
गुरुवार को महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष मामले में सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने 16 विधायकों के अयोग्य का निर्णय विधानसभा अध्यक्ष पर छोड़ दिया है. लेकिन न्यायालय ने विधायकों पर निर्णय लेने के लिए अवधी निर्धारित नहीं की है.जिसे लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने जहाँ विधानसभा अध्यक्ष को चेतावनी देते हुए अयोग्य विधायकों मामले में  90 दिन के भीतर मामले में निर्णय लेने की मांग की है वही सत्ताधारी पार्टी ने शिवसेना (यूबीटी) पर विधानसभा अध्यक्ष दबाव बनाने का आरोप लगाया है.इस मामले में पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) को 16 विधायकों की अयोग्यता के संबंध में  जल्द से जल्द फैसला लेना चाहिए।अगर नार्वेकर इस संबंध में जल्द से जल्द निर्णय नहीं लेते है तो हम उनके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे।  ठाकरे ने कहा कि राहुल नार्वेकर जानते हैं कि कानून के दायरे में पार्टियों को कैसे बदलना है।पूर्व सीएम ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष  अगर निर्णय लेते हुए गलत फैसला किया तो सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद आप पूरी दुनिया में बदनाम होंगे। इसलिए विधानसभा अध्यक्ष  को सही फैसला लेना चाहिए ताकि 33 देशों में लोकतंत्र हाथ से न निकल जाए। उद्धव ठाकरे ने  एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की मांग की।

विधानसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा पत्र 
वही पूर्व मंत्री और शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता अनिल परब (Anil Parab) ने कहा कि 16 विधायकों के अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र देकर हम  जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि विधायकों के अयोग्यता मामले में  ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए। यदि विधानसभा अध्यक्ष ने   द्वारा समय पर अंतिम निर्णय नहीं लिया जाता है, तो हम  सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए  स्वतंत्र  है। परब ने कहा कि सत्ता संघर्ष मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हमें न्याय दिया है। विधानसभा अध्यक्ष पर आरोप लगते हुए अनिल परब ने कहा कि शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावले को सदन में   ग्रुप लीडर नियुक्त करने के लिए   विधानसभा  अध्यक्ष  ने अनुच्छेद 10 के खिलाफ निर्णय दिया था.जिसका जिक्र सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में किया है. 

विधानसभा अध्यक्ष पर दबाव ठीक नहीं -देवेंद्र फडणवीस 
शिवसेना (यूबीटी) ने 16 विधायकों के अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष को  90 दिन के भीतर निर्णय लेने का अल्टीमेटम दिया है.शिवसेना (यूबीटी) के इस अल्टीमेटम पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन पर पलटवार किया है.शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 16 विधायकों के अयोग्यता का विधानसभा अध्यक्ष के पाले में डाल दिया है.लेकिन अपना फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष को यह नहीं कहा है कि निर्णय कितने दिन में देना है ऐसे में अगर विपक्षी दल 90 दिन के भीतर 16 विधायकों के अयोग्यता का निर्णय लेने के बांध करती है तो यह ठीक नहीं है इसका यह मतलब है कि शिवसेना (यूबीटी) विधानसभा अध्यक्ष पर दबाव बनाने का काम कर रही है.जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

देवेंद्र फडणवीस ने  क्या कहा 
देवेंद्र फडणवीस ने कहा की 'उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को नैतिक बातें करने का कोई अधिकार नहीं है.' जो मोदी की फोटो लगाकर चुने गए। चुने जाने के बाद उन्होंने अपने विचार छोड़े, अपनी नीति छोड़ी, मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी पार्टी छोड़ी, ये किस नाक से नैतिक बातें कर रहे हैं?" देवेंद्र फडणवीस ने एक बार फिर यही चाल चली। देवेंद्र फडणवीस ने यह भी कहा है कि अगर उन्हें लगता है कि नतीजा उद्धव ठाकरे के पक्ष में है तो उन्हें ढोल पीटना चाहिए.

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