NCP को तोड़ना चाहती थी BJP!
मुंबई. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) ने सोमवार को दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को विभाजित करना चाहती थी, जैसा उसने शिवसेना के साथ किया था, लेकिन एनसीपी के दिग्गज नेता के मास्टरस्ट्रोक (masterstroke of the veteran leader) ने उनकी योजनाओं को नाकाम कर दिया.
पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने कहा, “भाजपा ने शिवसेना को विभाजित कर दिया. इसी तरह एनसीपी को भी दो हिस्सों में बांटने की उसकी योजना थी. कुछ लोग ‘बैग’ लेकर तैयार थे और वहां पहुंचने वालों के लिए ठहरने-खाने की व्यवस्था भी कर रखी थी. हालांकि, शरद पवार (Sharad Pawar) के मास्टरस्ट्रोक ने सुनिश्चित किया कि भाजपा की योजना कूड़ेदान में चली गई.”
संपादकीय में दावा किया गया कि राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का एक समूह चाहता था कि शरद पवार भाजपा से हाथ मिला लें और उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग के उत्पीड़न से मुक्त करें. इसमें कहा गया, ‘हालांकि, पवार ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं, जिस क्षण उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा की, महाराष्ट्र के राजनीतिक दलों को करारा झटका लगा. पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन पर इस्तीफा वापस लेने का दबाव डाला…’
सामना के संपादकीय में कहा गया है कि एनसीपी कार्यकर्ताओं और नेताओं के दबाव के बाद, पवार ने एक समिति गठित करने का फैसला किया. इसमें कहा गया, “उन्होंने एक अहम समिति नियुक्त की और इस समिति में किसे स्थान दिया? इनमें से कई ऐसे थे जो इस बात पर जोर दे रहे थे कि एनसीपी बीजेपी से साथ हाथ मिला ले. लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं के गुस्से के कारण, समिति के पास पार्टी अध्यक्ष के रूप में शरद पवार के इस्तीफे को खारिज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. समिति को पवार को बताना था कि, ‘अब से केवल वह और वह ही अध्यक्ष बने रहेंगे.’ इस प्रकार, तीसरे संस्करण के समाप्त होने से पहले, पवार ने इस पूरे मामले को बंद कर दिया.”
संपादकीय में यह भी दावा किया गया कि पवार के पास अध्यक्ष पद पर बने रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. उन्होंने कहा, ‘उसी समय, इस आयोजन से पवार को यह समझने में मदद मिली कि उनकी पार्टी किस तरफ जा रही है. पवार ने कहा कि जो लोग राकांपा छोड़ना चाहते हैं वे ऐसा कर सकते हैं और वह उन्हें नहीं रोकेंगे. इसका मतलब है कि जो लोग जाना चाहते थे, उन्हें कम से कम अस्थायी रूप से उनके रास्ते में ही रोक दिया गया है. हालांकि, भाजपा की रहने-खाने की सुविधा अभी भी बनी हुई है.’
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Mon, May 08 , 2023, 11:33 AM