Today's Petrol and Diesel Prices: पेट्रोल और डीजल की कीमतें (Petrol and diesel prices), जो रोजमर्रा के खर्चों पर सीधा असर डालती हैं, देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMC) हर दिन सुबह 6 बजे जारी करती हैं। ये रेट अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों (international crude oil prices) और डॉलर-रुपये के एक्सचेंज रेट में बदलाव के आधार पर तय होते हैं। अभी जानिए किस शहर में पेट्रोल और डीजल सबसे सस्ता है? 30 सितंबर को भारत के फ्यूल मार्केट (Indian fuel market) में ज़्यादा बदलाव नहीं हुआ। मुंबई में पेट्रोल का दाम 103.50 रुपये प्रति लीटर और डीजल का दाम 92.02 रुपये प्रति लीटर था।
किस शहर में सबसे कम दाम है?
चंडीगढ़ में पेट्रोल का दाम 94.30 रुपये प्रति लीटर है, जो दिल्ली के 94.72 रुपये प्रति लीटर से कम है। डीजल भी चंडीगढ़ में सबसे सस्ता है, 82.45 रुपये प्रति लीटर, जो सभी शहरों में सबसे कम है।
पेट्रोल और डीजल के दाम में बदलाव
तेल की कीमतें ग्लोबल मार्केट, कच्चे तेल के रेट, टैक्स और ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट के आधार पर हर दिन बदलती हैं। इसलिए एक ही दिन में भी अलग-अलग राज्यों और शहरों में फ्यूल की कीमतें अलग-अलग होती हैं। अगर आप रोज़ाना आवागमन करते हैं या इस वीकेंड लंबी ड्राइव की योजना बना रहे हैं, तो आज के पेट्रोल और डीजल के दाम आपके बजट पर सीधा असर डाल सकते हैं।
पिछले दो साल से दाम स्थिर हैं?
मई 2022 से, केंद्र सरकार और कई राज्यों द्वारा टैक्स में कटौती के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर हैं। हालांकि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में उतार-चढ़ाव होता है, लेकिन भारतीय ग्राहकों के लिए कीमतें लगभग स्थिर रही हैं।
फ्यूल की कीमतें तय करने वाले कारक
कच्चे तेल की कीमतें:
पेट्रोल और डीजल मुख्य रूप से कच्चे तेल से बनते हैं। जब अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका सीधा असर भारतीय मार्केट पर पड़ता है।
डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत:
भारत ज़्यादातर कच्चा तेल आयात करता है और यह डॉलर में खरीदा जाता है। अगर रुपये की कीमत कम होती है, तो फ्यूल महंगा हो जाता है।
सरकार का टैक्स और ड्यूटी:
केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल और डीजल पर भारी टैक्स लगाती हैं, जो रिटेल कीमत का एक बड़ा हिस्सा होता है। यही वजह है कि अलग-अलग राज्यों में कीमतें अलग-अलग होती हैं।
रिफाइनिंग कॉस्ट:
कच्चे तेल को इस्तेमाल लायक बनाने (रिफाइनिंग) की प्रक्रिया में भी खर्च होता है। यह खर्च कच्चे तेल की क्वालिटी और रिफाइनरी की क्षमता पर निर्भर करता है। मांग
आपूर्ति संतुलन:
अगर बाजार में ईंधन की मांग बढ़ती है, तो कीमतें भी बढ़ने लगती हैं। त्योहारों, गर्मियों या सर्दियों के मौसम में ईंधन की खपत विशेष रूप से अधिक होती है।
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Tue, Sep 30 , 2025, 02:14 PM