बटर-घी के आयात से महाराष्ट्र में नहीं होगा असर
मुंबई। केंद्र सरकार के बटर और घी आयात करने के फैसले का विरोध करने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) पर पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल (Radhakrishna Vikhe-Patil) ने निशाना साधा है। विखे पाटिल ने कहा कि बटर और घी के आयात से राज्य पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा। शरद पवार दूध उत्पादक किसानों में बेवजह भ्रम पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं। वे खुद भ्रम की अवस्था में है, यदि वे ट्वीट करने से पहले जानकारी हासिल कर लेते तो उनका भ्रम दूर हो गया होता।
एक अखबार में केंद्र सरकार के विदेश से बटर और घी आयात करने की खबर प्रकाशित हुई है। इस खबर के आधार पर पवार ने इस फैसले का विरोध करते हुए केंद्रीय पशुपालन व डेयरी विकास मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला (Purushottam Rupala) के नाम एक पत्र लिखकर उसे ट्वीट भी किया। इस पत्र में कहा गया है कि सरकार के इस निर्णय का सीधा असर दूध उत्पादक किसानों पर होगा। दूध उत्पादक कोविड-19 की विकट स्थिति से उबरने की कोशिश कर रहे हैं और सरकार का यह फैसला उन पर सीधा असर डालेगा।
इस बारे में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विखे पाटिल ने कहा कि शरद पवार खुद केंद्रीय मंत्री थे, इसलिए अखबारों में प्रकाशित खबर के आधार पर ट्वीट करने से पहले उन्हें केंद्रीय मंत्री या विभाग के सचिव से चर्चा करनी चाहिए थी। वे बिना कारण के दूध उत्पादक किसानों में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र सरकार का स्पष्टीकरण आने के बाद यह भ्रम दूर होगा। उन्होंने कहा कि मेरे विचार से एकाध समस्या के लिए इस तरह का डर व्यक्त करना व्यर्थ है। ऐसे में संकट आने की कोई वजह नहीं है और इसका राज्य पर कोई असर नहीं होगा। विखे पाटिल ने कहा कि यह फैसला केवल महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं है। पहले दुधारू पशुओं पर लंपी रोग का असर था, इससे राजस्थान, गुजरात सहित अन्य राज्यों में दूध के उत्पादन पर विपरीत असर हुआ। दूध का उत्पादन 10 से 12 फीसदी घटा है। ऐसे में देश भर की स्थिति पर विचार करते हुए केंद्र सरकार निर्णय लेती है।
उन्होंने कहा कि लंपी रोग पर महाराष्ट्र ने तत्काल कार्रवाई की और 100 फीसदी टीकाकरण किया। इस तरह का मुफ्त टीकाकरण करने वाला महाराष्ट्र हमारे देश का एकमात्र राज्य है। इलाज का सारा खर्च सरकार ने उठाया। विखे-पाटिल ने कहा कि देश में कहीं भी इस तरह के प्रभावी उपाय नहीं किए गए। लंपी रोग का टीका बनाने के लिए हम पुणे में प्रयोगशाला शुरू कर रहे हैं। नागपुर अधिवेशन के दौरान केंद्र सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस समझौते के बाद हम राज्य में ऐसी क्षमता पैदा कर रहे हैं कि हम पूरे देश को टीके की आपूर्ति कर सके।
बागेश्वर बाबा के खिलाफ हो कार्रवाई
साई बाबा को लेकर विवादित बयान देने वाले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) की विखे पाटिल ने कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने माफी मांग ली है, लेकिन उन्होंने लोगों की भावनाओं को आहत किया है। ऐसे में उन्हें प्रायश्चित करने की आवश्यकता है और उन पर कार्रवाई होनी चाहिए।
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Thu, Apr 06 , 2023, 09:09 AM