व्हेरिएंट के कारण क्षयरोग बीमारी का बढ़ा प्रकोप

Fri, Mar 24 , 2023, 07:34 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

टीबी मरीजों का कस्तूरबा में होगी जीनोम सिकवेंसिंग
मुंबई में एक साल ने 56 हजार मरीज 2563 की हुई मौत
मुंबई।
कोरोना की तर्ज पर टीबी के  विषाणु व्हेरिएंट के कारण क्षय रोग (Tuberculosis disease) का प्रसार बढ़ रहा है इस तरह की जानकारी सामने आई है। टीबी मरीजों में कौन से व्हेरियेंट हुआ है इसकी जांच के लिए मनपा अब कस्तूरबा अस्पताल में जीनोम सिकवेंसिंग जांच करेगी। मरीजों में व्हेरिएंट की जानकारी मिल जाने के बाद ईलाज करने में आसानी होगी इस तरह की मनपा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मंगला गोमारे ने दी उन्होंने कहा कि इसी के चलते टीबी बीमारी से मुक्त की ओर जल्द जाने में मदद मिलेगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक देश को टीबी बीमारी से मुक्त करने का संकल्प लिया है उसमे यह कारगर होगा।
मुंबई शहर को टीबी बीमारी से मुक्त करने के लिए मनपा प्रशासन (municipal administration) की ओर से पिछले कई सालो से कठोर कदम उठाए जा रहे है। मुंबई को टीबी बीमारी से मुक्त करने के लिए मनपा द्वारा उठाए जा रहे कदम को लेकर मनपा की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मंगला गोमारे ने बताया कि बीमारी पर लगाम लगाने के लिए 1 लाख लोगो में 3500 लोगो को ढूंढना चाहिए जिन्हें बीमारी हुई हो जबकि अभी तक 1 लाख लोगो में 2500 इतना ही हो पा रहा है इसमें और गति लाने की जरूरत बताते हुए कहा कि टीबी बीमारी मुक्त के लिए 2015 का क्राइटेरिया लगाया जा रहा है उस समय जितने मरीज थे उसका 80 मरीज की संख्या और 90 प्रतिशत मृत्यु का प्रमाण कम करना है। टीबी बीमारी पर अंकुश लगाने के लिए मनपा द्वारा अपनाई जा रही नई नई योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मनपा अस्पताल में आने वाले मरीजों की जांच करना आशा सेविका द्वारा घर घर जाकर लोगो का सर्वेक्षण करना और मरीज की खोज करने का काम किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि टीबी बीमारी के 50 प्रतिशत मरीज प्राइवेट अस्पतालों से आ रहे है।2022 में कुल 56 हजार मरीज पाए गए थे जिसमे 2563 मरीज की इस बीमारी से मौत हो गई ।टीबी बीमारी से संक्रमित मरीज की अन्य किसी वजह से भी मौत हुई है तो उसे टीबी बीमारी ही दिखाया है ।2019 तक देखे तो अब मरीज की संख्या बढ़ रही है। कोरोना (Corona) के कारण जांच नही हो पाई।उस समय मरीजों का प्रमाण कम हुआ था अब 2022 से दोबारा मरीज का प्रमाण बढ़ा है।

2025 तक टीबी मुक्त करने की है योजना
केंद्र सरकार ने मुंबई से 2030 तक टीबी बीमारी (TB disease) से मुक्त होने का रणनीति बनाई है।लेकिन मनपा ने 2025 तक मुंबई को टीबी मुक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मुंबई में रहने वाले प्रत्येक 1 लाख नागरिकों में कम से कम 3500 लोगो की जांच करने का ध्येय रखा है लेकिन अभी तक 2500 लोगो का ही जांच हो पा रही है। मनपा आने वाले दिनों में जांच में और गति बढ़ाएगी। मनपा इसके लिए आशा सेविका की भर्ती भी कर रही है। टीबी मरीजों को मुफ्त इलाज दिया जा रहा है। पौष्टिक आहार के लिए मरीजों को हर माह 600 से 800 रुपये दिया जा रहा है।शिवडी में टीबी पैथोलॉजी को और अपग्रेड किया जा रहा है।कस्तूरबा अस्पताल में टीबी का ईलाज और जांच होगी।

इस तरह हो रहा है उपाय

  • टीबी बिमारी से ठीक हुए मरीजों  को 'टीबी चैम्पियन' नियुक्त कर उनके द्वारा लोगो में  जन जागरूकता पैदा की जा रही है।
  • एक्स-रे के जरिए महज तीन मिनट में टीबी के संदिग्ध मरीज की पहचान की जा रही है ।
  • शिवड़ी अस्पताल में बच्चों के लिए विशेष शिशु वार्ड शुरू किया जाएगा।
  • मीडिया, नुक्कड़ नाटकों, रैलियों, सभाओं के माध्यम से जन जागरूकता, निदान और उपचार को बढ़ावा दिया जाएगा ।
  • 'क्षयमित्र'  के माध्यम से मासिक वित्तीय सहायता, उपचार सहायता,  और टीबी मरीजों को मार्गदर्शन।  

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