मुंबई। देश की सबसे समृद्धशाली मुंबई महानगरपालिका का बजट (Mumbai Municipal Corporation budget) बीएमसी कमिश्नर आई एस चहल (Chahal) 2 या 3 फरवरी को पेश कर सकते हैं। बीएमसी के इतिहास में यह 38 साल बाद पहली बार होगा जब कमिश्नर स्थायी समिति के सामने नहीं बजट पेश करेंगे। क्योंकि बीएमसी आमसभा का कार्यकाल 7 मार्च 2022 को समाप्त हो गया है और अभी तक चुनाव नहीं हुआ है। वर्ष 1985 में जे जी कांगा ने कमिश्नर एवं प्रशासक रहते हुए आख़िरी बार बीएमसी का बजट पेश किया था। हालांकि बीएमसी के पास यह रिकॉर्ड नहीं है कि तब कमिश्नर रहते हुए कांगा ने बजट किसे प्रेसित किया था। इसलिए बीएमसी प्रशासन इस साल अभी तक तय नहीं कर पाया है कि बजट चहल पेश करेंगे या शिक्षा बजट की तरह अतिरिक्त आयुक्त यह जिम्मेदारी निभाएगा और प्रशासक के रूप में चहल बजट को स्वीकार करेंगे। बीएमसी नियम के अनुसार 5 फरवरी से पहले बजट पेश किया जाना जरूरी है।
50 हजार करोड़ पहुंच सकता है बजट का आंकड़ा
देश के कई राज्यों से बड़ा बीएमसी का बजट होता है। बीएमसी चुनाव को देखते हुए सभी की निगाह बजट पर टिकी हुई है। खासकर सत्ताधारी बीजेपी का जो 25 साल बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना को हटा कर बीएमसी की सत्ता पर काबिज होने का सपना देख रही है। बीएमसी का वर्ष 2022-23 का बजट 45949.21 करोड़ रुपये का था। वर्ष 2023-24 का बजट 50 हजार करोड़ रुपये के जादुई फिगर को पार क्र सकता है। बीएमसी सूत्रों के मुताबिक इस बार बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन और इंफ्रा पर विशेष जोर रहेगा। पिछले बजट में स्वास्थ्य विभाग में 1800 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई थी जिससे स्वास्थ्य बजट बढ़कर 6624 करोड़ रुपये हो गया था। तब कुल बजट का 15 प्रतिशत हेल्थ के लिए प्रोविजन किया गया था।
चहल करेंगे पेश, चहल स्वीकार करेंगे !
इस बार बीएमसी बजट पेश करने में संवैधानिक संकट है। बीएमसी अधिकारियों के बीच चर्चा है कि क्या इस बार बीएमसी का बजट चहल ही पेश करेंगे और चहल ही स्वीकार करेंगे। इसको लेकर कमिश्नर से लेकर अन्य बड़े अधिकारी पशोपेश में पड़े हैं। एक अधिकारी ने बताया कि कमिश्नर के रूप में चहल बजट सामने रख कर प्रशासक के रूप में स्वीकार कर सकते हैं। इसके लिए जैसे प्रस्ताव का मसौदा मंजूर होता है वही प्रक्रिया अपनानी पड़ेगी। इसके अलावा एक विकल्प और भी है। जिस तरह बीएमसी का शिक्षा बजट अतिरिक्त आयुक्त पेश करता है उसी तरह अतिरिक्त आयुक्त ( अश्विनी भिड़े या पी वेलरासू) पेश कर सकते हैं। बजट पेश करने को लेकर कमिश्नर जल्द ही बीएमसी की लीगल टीम से सलाह-मशविरा करेंगे उसके बाद अंतिम फैसला लेंगे।
बीएमसी में प्रशासक का इतिहास
कमिश्नर आई एस चहल बीएमसी के इतिहास के तीसरे प्रशासक हैं। इसके पहले अप्रैल 1984 में डी एम सुखटणकर बीएमसी के पहले प्रशासक नियुक्त हुए थे। उसके बाद 12 नवंबर 1984 से 9 मई 1985 तक जे जी कांगा बीएमसी के प्रशासक थे। 7 मार्च 2022 को बीएमसी का कार्यकाल ख़त्म होने के बाद से चहल प्रशासक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वर्ष 1990 से 1992 तक महिला आरक्षण के मुद्दे पर बिना चुनाव बीएमसी का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ाया गया था। तब स्थायी समिति सहित मेयर व अन्य समितियां भी थी। उस दौरान कमिश्नर ने स्थायी समिति अध्यक्ष के सामने बजट पेश किया था।
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Fri, Jan 13 , 2023, 07:54 AM