मुंबई। एसटी महामंडल (ST Mahamandal) के कर्मचारियों (employees) को पिछले कुछ महीनों से समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। जनवरी महीने की 12 तारीख निकल जाने के बावजूद वेतन नहीं मिलने के आसार देखते हुए कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी थी। इस मामले में सरकार ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए एसटी महामंडल को 300 करोड़ रुपए देने का निर्णय लिया।
मिली जानकारी के अनुसार 300 करोड़ रुपए (Rs 300 crore) की रकम से कर्मचारियों के बैंक एकाउंट में मूल वेतन की रकम की जाएगी। इसमें ग्रेजुएटी और पीएफ (Graduate and PF) के पैसे नहीं भरे जाएंगे। एसटी कर्मचारियों की हड़ताल के वक्त सरकार ने अदालत में हर महीने की 10 तारीख को वेतन देने का आश्वासन दिया था, इसके बावजूद कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। जनवरी महीने की 12 तारीख निकल जाने के बावजूद वेतन नहीं मिलने से कर्मचारी संगठनों ने आक्रामक रूप दिखाते हुए आंदोलन करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद हरकत में आई सरकार ने एसटी महामंडल को 300 करोड़ रुपए का निर्णय लिया। इधर एसटी कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने पर राकांपा ने सवाल उठाए हैं। राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा कि 90 हजार एसटी कर्मचारियों को जनवरी महीने का वेतन नहीं मिला है। उन्होंने सवाल किया कि गुणरत्न सदावर्ते और गोपीचंद पडलकर की एसटी कर्मचारियों से सहानुभूति कहां चली गई? ये दोनों अब कहां चले गए?
तपासे ने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के वक्त कर्मचारियों के वेतन के लिए हर माह 360 करोड़ रुपए का प्रावधाान किया गया था। अब छह महीने से शिंदे-फडणवीस सरकार आने पर कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा है। यह बात दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आघाड़ी सरकार के वक्त सदावर्ते और पडलकर ने एसटी कर्मचारियों का मसीहा बनने की कोशिश की थी, अब उनकी क्या भूमिका है, यह बात उन्हें जनता के समक्ष घोषित करनी चाहिए।
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Fri, Jan 13 , 2023, 06:41 AM