बिजली कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त

Wed, Jan 04 , 2023, 05:26 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

उपमुख्यमंत्री के साथ कर्मचारी संगठनों की सकारात्मक बातचीत
सरकार का तीनों बिजली कंपनियों के निजीकरण का इरादा नहीं
मुंबई।
सरकार (Government) के साथ हुई सकारात्मक बातचीत के बाद महावितरण सहित अन्य बिजली कर्मचारी संगठनों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। महावितरण (Mahavitaran), महाजनको और महापारेषण के निजीकरण के विरोध सहित सहित महावितरण के अधिकार क्षेत्र में अडानी कंपनी को बिजली वितरण के समानांतर लाइसेंस देने के विरोध में कर्मचारी संगठनों ने मंगलवार आधी रात से 72 घंटे की हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था। महावितरण कर्मचारियों के हड़ताल (strike) पर जाने से राज्य के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई।  
तीन साल में 50 हजार करोड़ का निवेश
बुधवार को बिजली कर्मचारियों के 32 विभिन्न संगठनों को उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) ने चर्चा के लिए बुलाया। कर्मचारी संगठनों के साथ बातचीत सकारात्मक रही। इस बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार (state government) तीनों कंपनियों का निजीकरण नहीं करेगी। इसके उलट अगले तीन साल में इन कंपनियों में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। ऐसे में निजीकरण का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठनों से कम्यूनिकेशन गैप कम करने का प्रयास किया जाएगा।
सरकारी कंपनियों के हित में रहेंगे  
फडणवीस ने कहा कि उड़ीसा, दिल्ली में सरकारी बिजली कंपनियों का निजीकरण किया गया है, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा करने का कोई विचार नहीं है। हड़ताल का महत्वपूर्ण मुद्दा समानांतर लाइसेंसिंग का है। बिजली कानून में समानांतर लाइसेंसिंग की व्यवस्था है। महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (एमईआरसी) के पास कोई भी निजी कंपनी आवेदन दे सकती है। हालांकि जो नोटिफिकेशन निकाला है, वह निजी कंपनी का है। जब एमईआरसी नोटिफ़िकेशन निकालेगी, तब सरकार अपनी भूमिका रखेगी। कानून में जो हथियार उपलब्ध है, उसका उपयोग कर सरकारी कंपनियों के हित में पहल की जाएगी। हमने राज्य सरकार के माध्यम से कर्मचारियों को यह आश्वासन दिया है।
ठेका कर्मचारियों को मिलेगी राहत  
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ठेका कर्मचारियों को स्पेशल केस में राहत प्रदान की जाएगी। ठेका कर्मचारियों को नियमों से जो पैसा मिलना चाहिए, वह नहीं मिलता। अब उनके हिस्से का कोई भी पैसा निकाल नहीं पाएगा। उन्होंने कहा कि ठेका कर्मचारियों के बारे में यूनियन ने कुछ प्रस्ताव दिए हैं, उस पर चर्चा की जाएगी। कृषि कंपनी तैयार करने को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इससे बिजली की वास्तविक खपत और अकार्यक्षमता का पता चलेगा। जल विद्युत परियोजना के बारे में निर्णय लिया जाएगा। अटकी जल  विद्युत परियोजना के बारे में कैबिनेट में निर्णय लिया जाएगा।
हड़ताल को मिला अच्छा प्रतिसाद
तीनों बिजली कंपनियों के निजीकरण सहित अन्य मांगों को लेकर आयोजित 72 घंटे की हड़ताल को अच्छा प्रतिसाद मिला। इस हड़ताल में 31 संगठनों ने भाग लिया। राज्य के कई जिलों, परिमंडलों में औसतन 90 फीसदी कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए थे। हड़ताल की वजह से कई जगहों पर बिजली आपूर्ति बाधित हुई।

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