Alcohol Drinking: क्या शराब पीने से आपको सचमुच ठंड लगती है? क्या है सच्चाई जाने !

Wed, Nov 05 , 2025, 08:27 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Health Tips: हमेशा यही सलाह दी जाती है कि ठंड में शराब पीने (drinking alcohol) से आपको ठंड (cold) लग सकती है। लेकिन क्या शराब पीने से आपको सचमुच ठंड लगती है? या यह सिर्फ़ एक भ्रम है? इस बारे में विशेषज्ञ (experts) क्या सोचते हैं? शराब पीने के बाद गर्मी का एहसास अस्थायी होता है। शरीर का वास्तविक तापमान कम हो जाता है। इसलिए, विशेषज्ञों का कहना है कि शराब आपको ठंड से नहीं बचाती, बल्कि आपको ठंड के प्रति ज़्यादा संवेदनशील बना देती है। गंभीर मामलों में, इससे हाइपोथर्मिया शरीर के तापमान में अचानक गिरावट नमक जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है। भारत के उत्तरी राज्यों में, जहाँ तापमान शून्य से 5-10 डिग्री सेल्सियस नीचे तक गिर जाता है।

शराब के शरीर में प्रवेश करने के बाद, रक्त वाहिकाएँ फैल जाती हैं। इससे रक्त त्वचा की सतह तक पहुँचता है और हमें गर्मी का एहसास होता है। हालाँकि, इस समय शरीर का आंतरिक तापमान कम होने लगता है क्योंकि गर्म रक्त शरीर के अंदर से बाहर की ओर आ चुका होता है, ऐसा डॉक्टर कहते हैं।

इसलिए, भले ही शरीर गर्म महसूस हो, लेकिन शराब पीने से शरीर की आंतरिक ठंड बढ़ जाती है। शराब शरीर की कंपकंपी की प्रतिक्रिया को भी दबा देती है। दरअसल, यह शरीर की गर्मी पैदा करने की प्राकृतिक प्रक्रिया है।

चाहे गर्मी हो, बरसात हो या सर्दी, शराब हर मौसम में शरीर को एक जैसा नुकसान पहुँचाती है। शराब एक मूत्रवर्धक है, जिससे पेशाब की आवृत्ति बढ़ जाती है। ऐसी ठंड में प्यास कम लगती है और निर्जलीकरण तेज़ी से होता है। इससे शरीर का तापमान नियंत्रण बिगड़ जाता है।

शराब अस्थायी रूप से हृदय गति बढ़ा सकती है। जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है जिन्हें पहले से ही हृदय रोग है। शराब मस्तिष्क को सुन्न कर देती है। जिससे ठंड के संकेत (कंपकंपी) महसूस नहीं होते। ठंड के मौसम में शराब का नशा तेज़ी से बढ़ता है, क्योंकि शरीर की गर्मी कम होने से अवशोषण बढ़ जाता है।

ठंड के मौसम में शराब पीने के क्या खतरे हैं?

शराब शरीर की आंतरिक गर्मी को त्वचा की सतह पर ला देती है। इसलिए, ठंड के मौसम में गर्मी महसूस होती है। इससे शरीर का वास्तविक तापमान गिर जाता है। डॉ. रोहित शर्मा कहते हैं कि इससे हृदय पर दबाव पड़ सकता है, निर्जलीकरण हो सकता है और निर्णय लेने की क्षमता कम हो सकती है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन अल्कोहल एब्यूज एंड अल्कोहलिज्म (NIAAA) के अनुसार, ठंड के मौसम में शराब पीने से हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है। ठंड के मौसम में, शराब के कारण त्वचा में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे हृदय, फेफड़े और मस्तिष्क में गर्म रक्त की कमी हो जाती है। इससे शरीर का तापमान धीरे-धीरे कम होने लगता है। इसे हाइपोथर्मिया कहते हैं। यह स्थिति जानलेवा हो सकती है। जिन लोगों को पहले से ही हृदय या रक्तचाप की समस्या है, उन्हें इसका खतरा ज़्यादा होता है। ठंड के मौसम में शराब पीते समय लोग अक्सर अपनी जैकेट या स्वेटर उतार देते हैं क्योंकि उन्हें तुरंत गर्मी का एहसास होता है, लेकिन इस गलती से उनके शरीर का तापमान गिर सकता है, जिससे हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ जाता है।

निर्जलीकरण का खतरा - शराब एक मूत्रवर्धक है, जिससे बार-बार पेशाब आता है। इससे शरीर का द्रव संतुलन बिगड़ जाता है। साथ ही, चूँकि ठंड के मौसम में प्यास कम लगती है, इसलिए निर्जलीकरण और तापमान नियंत्रण दोनों ही कम हो जाते हैं। इससे शरीर की ठंड से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा
ठंड में शराब पीने से शरीर का आंतरिक तापमान गिर जाता है। इससे रक्तचाप और हृदय गति में अचानक परिवर्तन होता है, जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

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